चीन के युआन के कारण अमरिकी डॉलर के स्थान को खतरा – नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ नॉरियल रुबिनी की चेतावनी

लंदन – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में विख्यात अमरिकी डॉलर का स्थान चीन के युआन की वजह से खतरे में है। आनेवाले समय में युआन भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनेगा। डॉलर का राजनीतिक हथियार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करने की अमरीका की नीति का युआन को लाभ मिलेगा, ऐसा दावा नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ नॉरियल रुबिनी ने किया है। अगले दशक में विश्व दो मुद्राओं में विभाजित होगा, यह कहकर रुबिनी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर अमरिकी डॉलर का एकाधिकार खत्म हो जाएगा, ऐसा अनुमान लगाया है।

अमरीका में २००८ में आई हुई मंदी की पूर्वसूचना देनेवाले द्रष्टा आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में नॉरियल रुबिनी विख्यात हैं। इसी कारण उन्हें ‘डॉक्टर डूम’ कहा जाता है। ब्रिटेन के एक अखबार में हाल ही में उनके लेख में रुबिनी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा अमरिकी डॉलर का भविष्य खतरे में होने का इशारा दिया। चीन का चलन युआन डॉलर का स्थान हथिया सकता है। लेकिन, यह बदलाव आसान नहीं है और चीन की चलन व्यवस्था में और नीति की खामियों पर रुबिनी ने ध्यान आकर्षित किया है। चीन पूंजी के जरिये सरकारी नियंत्रण रखने जैसे कि, अपनी अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई सच्चाई जब तक सार्वजनिक नहीं करता और युआन के विनियम दर को लेकर लचिली नीति नहीं अपनाता तब तक युआन सही मायने में अंतररष्ट्रीय चलन नहीं बन सकता, ऐसा रुबिनी ने कहा। लेकिन, युआन को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर स्वीकृति मिलने में अड़चन डालने वाले सभी मुद्दे हट जाएंगे, ऐसी स्थिति अमरीका की नीति के कारण निर्माण हुई है, इसका पुख्ता अहसास नॉरियल रुबिनी ने कराया।

अमरीका ने अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए प्रतिबंध लगाकर इसमें डॉलर का हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। अपने शत्रुदेश डॉलर का इस्तेमाल न कर पाएं इसके लिए अमरीका के प्रतिबंधों के विपरीत प्रभाव सामने आ रहे हैं। इसकी वजह से रशिया, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों का ताकतवर गुट बन रहा है। ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर डॉलर का स्थान खतरे में है और आनेवाले समय में डॉलर का स्थान युआन हथिया सकता है, ऐसा दावा नॉरियल रुबिनी ने किया। विश्व के कुछ विकसनशील देश डॉलर से अधिक चीन के युआन का इस्तेमाल करेंगे। युआन में भी ईंधन खरीदना मुमकिन है, यह समझ में आने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्रा की अहमियत अधिक बढ़ेगी, यह दावा रुबिनी ने किया।

सौदी अरब ईंधन कारोबार में युआन का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर चीन से चर्चा कर रहा है, ऐसी खबरें प्राप्त हुई थीं। यह अमरीका के पेट्रो डॉलर के लिए काफी बड़ा झटका है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। ईंधन खरीदने की क्षमता वाले चलन के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर को स्वीकारा गया था। इसकी वजह से इसका नाम ‘पेट्रोडॉलर’ पडा। यह स्थान चीन के युआन की वजह से खतरे में पडने का स्पष्ट अहसास नॉरियल रुबिनी ने कराया है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश ने स्पष्ट तौर पर इन्हीं शब्दों में डॉलर के अंतरराष्ट्रीय चलन का स्थान खतरे में होने की चेतावनी दी थी।

अमरीका के आर्थिक विशेषज्ञ इसकी पुष्टि कर रहे हैं और डॉलर का हथियार की भांति इस्तेमाल करने की कोशिश अपने ही देश पर पलट रही है, ऐसी चेतावनी इन आर्थिक विशेषज्ञों ने दी थी।

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