युक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन की किल्लत का सामना कर रहें जर्मनी की, सौदी-यूएई के साथ ईंधन सहयोग करने की कोशिश

बर्लिन – रशिया ने ईंधन सप्लाई खंड़ित करने की वजह से मुश्‍किलों से घिरा जर्मनी आर्थिक मंदी के करीब पहुँच रहा है, ऐसें इशारें दिए जा रहे हैं। इस वजह से रशियन ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए जर्मनी ने ईंधन समृद्ध अरब देशों से सहयोग करने की कोशिश शुरू की है। पिछले हफ्ते जर्मनी के चान्सरल ओलाफ शोल्झ ने शीघ्रता से अरब देशों की यात्रा की। इस दौरान शोल्झ ने यूएई के साथ अहम ईंधन समझौता किया और सौदी से ईंधन सहयोग पर चर्चा की थी।

दो दिन पहलें जर्मन चान्सरल शोल्झ ने सौदी अरब से अपने खाड़ी दौरे की शुरूआत की। जर्मनी में बढ़ रहीं ईंधन की किल्लत की पृष्ठभूमि पर ही शोल्झ केइश दौरे का आयोजन था, ऐसा जर्मन सरकार ने घोषित किया। इसके अनुसार शोल्झ ने सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के संबंध और सहयोग पर चर्चा होने की जानकारी जर्मनी की सरकार ने साझा की। सौदी के साथ ईंधन से संबंधित सहयोग नहीं हुआ हैं, फिर भी आनेवाले समय में इस संभावना से इन्कार नहीं हो सकता, यह जर्मनी ने स्पष्ट किया।

इसके बाद चान्सरल शोल्झ ने यूएई का दौरा करके किंग शेख मोहम्मद बिन झाएद अल-नह्यान से मुलाकात की। इस दौरान जर्मनी और यूएई ने ईंधन सहयोग का समझौता किया है, यह शोल्झ की सरकार ने घोषित किया। इसके अनुसार, यूएई जर्मन कंपनी ‘आरडब्ल्यूई’ को इस साल के अन्त तक १.३७ लाख क्युबिक मीटर नैसर्गिक ईंधन की आपूर्ति करेगा। रशिया से प्राप्त होनेवाले ईंधन की तुलना में यूएई का ईंधन सहयोग काफी सीमित होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, इस वजह से जर्मनी के सामने खड़ा ईंधन का संकट कुछ हद तक कम होगा और जर्मन अर्थव्यवस्था संवारने के लिए कुछ समय मिलेगा, यह दावा जर्मन सरकार कर रही है।

युरोप का इंजन समझा जा रहें जर्मनी की अर्थव्यवस्था, रशिया से प्राप्त होनेवाले ५६ अरब क्युबिक मीटर नैसर्गिक ईंधन पर निर्भर थी। लेकिन, पिछले छह महीनों से युक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद रशिया से युरोपीय देशों को प्राप्त होनेवाली ईंधन सप्लाई खंड़ित हुई है। ऐसी स्थिति में शोल्झ ने सौदी, यूएई और बाद में कतार का दौरा करके ईंधन सहयोग पाने की कोशिश की। इस वजह से ईंधन पर आधारित जर्मनी की अर्थव्यवस्था संभलकर सामान्य होगी, ऐसा जर्मन सरकार का कहना है।

इसी बीच, सौदी, यूएई और कतार का दौरा करके शोल्झ ने, मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहें देशों को ‘क्लीनचिट’ दी होने की आलोचना जर्मनी में हो रही है। लेकिन, चान्सरल शोल्झ ने सौदी के दौरे मे पत्रकार जमाल खशोगी हत्या के मामले में चर्चा की। इसी बीच, यूएई ने पिछले कुछ सालों में अपनी नीति में सुधार करने की बात कहकर जर्मन सरकार ने, शोल्झ के इस दौरे का समर्थन किया है।

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