पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव की पृष्ठभूमि पर, रशिया और चीन द्वारा ‘फ्रेंडशिप ट्रिटी’ के विस्तार की घोषणा

मॉस्को/बीजिंग – रशिया और चीन के बीच की ‘फ्रेंडशिप ट्रिटी’ का विस्तार करने से दो देशों के संबंध अभूतपूर्व ऊँचाई पर पहुँचे हैं, ऐसा दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने किया। वहीं, रशिया-चीन संबंध यह अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों की नई रचना की मिसाल साबित होती है, ऐसा चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कहा है। सोमवार को रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के बीच ‘व्हर्च्युअल कॉन्फरन्स’ संपन्न हुई। पिछले महीने भर में दो नेताओं में संपन्न हुई यह दूसरी बैठक है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की मुलाकात के बाद कुछ ही दिनों में पुतिन का चीन के राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा करना गौरतलब साबित होता है।

russia-china-friendship-treaty-1रशिया और चीन के बीच सन २००१ में ‘फ्रेंडशिप ट्रिटी’ पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसके दो दशक पूरे होने के उपलक्ष्य में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने एक दूसरे के साथ संवाद किया होने की जानकारी सूत्रों ने दी। इस समय रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के १०० साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जिनपिंग को शुभकामनाएँ भी दीं। रशिया और चीन के बीच का सहयोग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थिरता की भूमिका अदा कर रहा होने की प्रशंसा भी पुतिन ने की। उस समय दोनों देशों ने संयुक्त निवेदन भी जारी किया।

‘रशिया को समृद्ध और स्थिर चीन की जरूरत है; वहीं, चीन को मज़बूत और सफल रशिया की आवश्यकता है। दोनों देश साझेदार के तौर पर एक-दूसरे को प्राथमिकता प्रदान कर रहे हैं। आनेवाले समय में राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार, रक्षा, संस्कृति और अन्तर्राष्ट्रीय व्यवहार इन क्षेत्रों में सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा’, ऐसा संयुक्त निवेदन में नमूद किया गया है। निवेदन में जागतिक शस्त्र-होड़ का भी जिक्र होकर, रशिया और चीन की इस संदर्भ में भूमिका समान होने की बात नमूद की है।

रशिया और चीन इन दोनों देशों ने पश्चिमी देशों द्वारा डाले जानेवाले दबाव तथा प्रतिबंधों की खबर ली है। ‘दोनों देश एकतरफ़ा प्रतिबंधों का ठोस शब्दों में विरोध करते हैं। कुछ देश लोकतंत्र और मानवाधिकारों का बहाना बनाकर अन्य देशों के अंदरूनी कारोबार में दखलअंदाजी कर रहे हैं’, ऐसी आलोचना रसिया और चीन के संयुक्त निवेदन में की गयी है। जिनपिंग की रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई बैठक की चिनी माध्यमों ने हालाँकि विशेष रूप में दखल ली है, रशियन माध्यमों ने इसे मर्यादित पब्लिसिटी देने की बात दिखाई दी है।

चिनी माध्यम और विश्लेषकों ने यह दावा किया है कि जिनपिंग की रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई बैठक, यह पश्चिमी देशों के मुँह पर जड़ा तमाचा है। रशिया और चीन के बीच सबकुछ अलबेल ना होने के दावे कुछ महीने पहले पश्चिमी प्रसारमाध्यमों में जारी हुए थे। चीन को रोकने के लिए अमरीका इन दो देशों में होनेवाले मतभेदों का इस्तेमाल करें, ऐसे मशवरे भी दिए गए थे। अमरीका और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष के बीच हुई बैठक पर भी गौर फरमाया गया था। सोमवार को संपन्न हुई बैठक और मित्रता के समझौते का विस्तार, इनसे पश्चिमी मायूस हुए होंगे, ऐसी व्यंगपूर्ण फटकार ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस चिनी मुखपत्र ने लगाई है।

इसी बीच, इंडो-पैसिफिक में चीन को रोकने के लिए अमरीका द्वारा जारी गतिविधियों को प्रत्युत्तर देने के लिए, रशिया ने चीन के सामने ‘मिलिटरी अलायन्स’ का प्रस्ताव रखा होने की खबर ‘न्यूजवीक’ इस वेबसाईट ने दी है।

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