अमरिका द्वारा रशिया और चीन को शह – यूक्रेन को टैंक भेदने वाले मिसाइल प्रदान

किव्ह: अमरिका ने यूक्रेन को टैंक भेदने वाले जैवलिन मिसाइल प्रदान किए हैं। यह मिसाइल यूक्रेन में पहुंचे हैं, ऐसी जानकारी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने दी है। इन मिसाइलों की वजह से रशिया के आक्रमण के सामने यूक्रेन का बचाव अधिक सक्षम होगा, ऐसा कहकर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष पेट्रो पोरोशेन्को ने इसके लिए अमरिका का आभार माना हैं। यूक्रेन की सीमा पर लष्करी गतिविधियां करनेवाले रशिया को अमरिका के इस निर्णय की वजह से बहुत बड़ा झटका लग सकता है। रशिया को शह देने के लिए अमरिका ने यह निर्णय लेने की बात स्पष्ट हो रही है।

अमरिका ने यह निर्णय लेकर केवल यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय करार पूर्ण नहीं किया है, बल्कि दुनिया के सामने नया आदर्श निर्माण किया है, ऐसे शब्दों में यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को ने अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके आभार माने हैं। इसकी वजह से रशिया के संभाव्य आक्रमण से यूक्रेन की स्वतंत्रता एवं जनतंत्रवादी समाज सुरक्षित होगा ऐसा विश्वास राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को ने व्यक्त किया है। अमरिका ने लगभग २१० जैवलिन मिसाइल यूक्रेन को दिए हैं और यह मिसाइल दागने वाले ३७ लॉन्चर भी प्रदान किये है। यह व्यवहार ४ करोड़ ७० लाख डॉलर्स का होने की बात कही जा रही है। यह करार पूर्ण हो इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को ने अमरिका में बहुत बड़ी लॉबिंग करने की चर्चा है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरुआती समय में रशिया को दुखाते हुए यूक्रेन को मिसाइल प्रदान करने की बात टाली थी। पर आने वाले समय में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह करार पूर्ण करने का निर्णय लिया था। पिछले वर्ष दिसंबर महीने में यूक्रेन को जैवलिन प्रदान करने का अंतिम निर्णय हुआ था, ऐसी जानकारी व्हाइट हाउस ने दी है। पर यह मिसाइल यूक्रेन के कब्जे में कब आया, इसकी जानकारी व्हाइट हाउस तथा अमरिका के विदेश मंत्रालय ने नहीं दी है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने यह जानकारी उजागर नहीं की है। पर इन मिसाइलों की वजह से रशिया के आक्रमण का अधिक समर्थ रूप से सामना करना संभव होगा, ऐसा युक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा है।

अपने पड़ोसी देशों में नाटो बड़ी तादाद में गतिविधियां करने की शिकायत रशिया कर रहा है। उसके विरोध में रशिया ने अपनी सीमा भाग में लष्करी युद्धाभ्यास बढ़ाया है और रशिया के तोंफ यूक्रेन की सीमा पर तैनात होने की बात अनेक बार स्पष्ट हुई थी। इसकी वजह से जैवलिन इस तोंफ भेदने वाले मिसाइल द्वारा यूक्रेन के लष्कर की सज्जता करके अमरिका ने रशिया को शह देने की बात दिखाई दे रही है।

 

तैवान को अब्राम टैंक प्रदान

ताइपेई: शत्रु को तबाह करके तैवान का सागरी किनारा सुरक्षित रखने के लिए तैवान अमरिका से अत्याधुनिक अब्राम टैंक की खरीदारी करने के तैयारी में है। तैवान के रक्षा मंत्री ने संसद को इसकी जानकारी देकर जल्द ही कितने अब्राम टैंक की खरीदारी करनी है, इसका निर्णय लिया जाएगा, ऐसा स्पष्ट किया है। तैवान पर हमला करने की धमकियां चीन से दी जा रही है। इस परिस्थिती में तैवान के रक्षामंत्री की यह जानकारी ध्यान केंद्रित करने वाली है।

पिछले महीने से चीन के विरोध में आक्रामक निर्णय लेनेवाले अमरिका ने इससे पहले भी तैवान को अत्याधुनिक शस्त्रास्त्र प्रदान करने की तैयारी दिखाई थी।

कई दिनों पहले चीन के लड़ाकू विमानों ने तैवान की हवाई सीमा में घुसपैठ की थी। यह घुसपैठ मतलब मतलब तैवान के लिए चेतावनी होने की बात चीन ने सूचित की थी। आगे चलकर चीन तैवान को चेतावनी दिये बिना सीधे कार्रवाई करेगा, ऐसी धमकी चीन के लष्करी अधिकारी ने दी थी। तथा तैवान ने चीन के इस दबाव को नजरअंदाज करते हुए आक्रमक युद्धाभ्यास की घोषणा की थी। इसकी वजह से तैवान और चीन में तनाव बहुत बढ़ा था। तैवान यह स्वतंत्र भाग न होते हुए अपना भूभाग होने की बात चीन ने कही थी। तथा तैवान सरकार चीन से अपने देश के सार्वभौमत्व का रक्षण करने के लिए पूर्ण तौर पर सज्ज होने की बात जोर दे कर कह रहे हैं।

राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन सत्ता पर आने के बाद अमरिका की चीन तथा तैवान विषयक नीति में बदलाव हुआ है। हालही में अमरिका के संसद में तैवान ट्रैवेल एक्ट मंजूर हुआ है और इसकी वजह से अमरिका तैवान को चीन का भूभाग न मानते हुए स्वतंत्र देश का दर्जा दे रहा है, ऐसी बात दिखाई दे रही है। तथा तैवान के रक्षा के लिए अमरिका ने बड़ी तादाद में शस्त्रास्त्र प्रदान करने की तैयारी की है। इस पर चीन से प्रतिक्रिया आई थी। अमरिका ने यह निर्णय लिया तो उसके द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत परिणाम होंगे ऐसा चीन ने सूचित किया था। तथा चीन ने तैवान को युद्ध की धमकी दी थी। अमरिका ने तैवान से सहयोग अधिक बढ़ाकर चीन के धमकियों को उत्तर दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर अब्राम एम१ए२ यह अमरिका के अत्याधुनिक टैंक की खरीदारी करने की तैयारी करके तैवान ने चीन के लष्करी सामर्थ्य के सामने नहीं झुकेंगे, ऐसा एहसास फिर एक बार दिलाया है। चीन से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया उमड़ सकती है, इसका अहसास रखते हुए तैवान यह निर्णय ले रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है। इस परिस्थिती में जल्द ही अमरिका और तैवान में अब्राम का करार पूर्ण होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

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