रशिया, चीन ने अंतरिक्ष में दिखाई आक्रामकता का ब्रिटेन जवाब देगा – ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस

लंदन – ‘अंतरिक्ष क्षेत्र का शांति से हो रहे इस्तेमाल को रशिया और चीन से बने ख़तरें में बढ़ोतरी हो रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन अपनी अंतरिक्ष से संबंधित नीति में बड़े बदलाव करेगा और इसके आगे रशिया और चीन की अंतरिक्ष में होनेवाली किसी भी हरकत पर ब्रिटेन जवाब देगा’, यह ऐलान ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने किया हैं। कुछ दिन पहले ही रशिया ने किए उपग्रहविरोधी मिसाइल्स के परीक्षण पर ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने यह प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं। अमरीका ने भी रशिया के इस परीक्षण पर आलोचना की थी।

बेन वॉलेस

पिछले सप्ताह में ही अमरीका और ब्रिटेन ने रशिया के विरोध में उपग्रहविरोधी मिसाइल का परीक्षण करने का आरोप किया था। १५ जुलाई के रोज़ किए इस परीक्षण की जानकारी रशिया ने विश्‍व से छुपाकर रखी हैं, यह आरोप इन दोनों देशों ने किया था। रशिया के इस परीक्षण की वज़ह से अंतरिक्ष में अमरीका, ब्रिटेन एवं मित्रदेशों के हितसंबंधों के लिए ख़तरा बना हैं, यह आलोचना इन देशों ने की थी। रशिया की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती हैं, यह दावा भी अमरीका ने किया था। इसपर रशिया के विदेश मंत्रालय ने यह सभी आरोप ठुकराए थे। साथ ही यह उपग्रहविरोधी मिसाइल का परीक्षण नहीं था, बल्कि अपने उपग्रहों के रखरखाव के लिए यान का किया गया प्रक्षेपण होने की बात रशिया ने कही थी।

लेकिन, रशिया के इस परीक्षण की वज़ह से ब्रिटेन अपनी अंतरिक्ष, विदेश और रक्षा संबंधित नीति में बदलाव करेगा, यह ऐलान ब्रिटेन के रक्षामंत्री वॉलेस ने किया। सिर्फ़ रशिया ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष के बारे में चीन की देखी जा रही आक्रामकता भी ब्रिटेन के इस निर्णय का प्रमुख कारण होने की बात वॉलेस ने कही हैं। चीन ने अंतरिक्ष क्षेत्र का इस्तेमाल लष्करी आक्रामकता के लिए किया हैं और इसकी वज़ह से अंतरिक्ष में सभी देशों के हितसंबंधों के लिए ख़तरा बना होने का बयान ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने किया हैं। ब्रिटेन की अंतरिक्ष से संबंधित नई नीति, शीतयुद्ध के दौरान तय की हुई नीति से भी अधिक आक्रामक होगी, यह बात वॉलेस ने स्पष्ट की। ब्रिटन के अख़बार से की हुई बातचीत के दौरान वॉलेस ने अपनी सरकार की अगली नीति स्पष्ट की हैं और ज़ल्द ही इस नीति का ऐलान किया जाएगा, यह बात भी उन्होंने आगे कही।

इसी बीच, पिछले दस वर्षों से चीन और रशिया लगातार उपग्रहविरोधी मिसाइल का परीक्षण कर रहे हैं। इनमें से चीन ने वर्ष २००७ में किए उपग्रह विरोधी परीक्षण पर अमरीका और मित्रदेशों ने कड़ी आलोचना की थी। साथ ही अंतरिक्ष में अपने उपग्रहों की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र कमांड़ स्थापित करने का ऐलान भी किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.