‘टू प्लस टू’ बातचीत के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग अमरिका में दाखिल

वॉशिंग्टन – भारत और अमरिका कीटू प्लस टूबातचीत के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और विदेशमंत्री जयशंकर अमरिका पहुंचे है| दोनों देशों के कुटनीतिज्ञ इस बातचीत से काफी उम्मीद होने का दावा कर रहे है| भारत के साथ बने संबंधों को अमरिका काफी अहमियत दे रही है, यह दावा अमरिकी नेता एवं कुटनीतिज्ञ कर रहे है|

पिछले वर्ष अमरिका और भारत की पहलीटू प्लस टूबातचीत नई दिल्ली में हुई थी| इसके बाद अमरिका में दोनों देशों की टू प्लस टू बातचीत पहली बाह हो रही है| अमरिकी नेता एवं कुटनीतिज्ञ यह बातचीत अलौकिक होने की बात कहकर भारत के साथ बने अमरिका के सामरिक सहयोग की अहमियत नए से रेखांकित कर रहे है| इंडोपैसिफिक क्षेत्र में चीन अपनी ताकत के बल पर अरजाकता फैला रहा है और चीन को रोकने के लिए भारत जैसा जनतांत्रिक देश काफी अहम भूमिका निभा सकता है, यह बात अमरिका कह रही है

भारत और अमरिका का सहयोग इंडोपैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता एवं संतुलन का निर्माण करनेवाला साबित होगा, यह दावा अमरिकी कुटनीतिज्ञ कर रहे है| अमरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने भी इनके दावे का समर्थन किया है और भारत के साथ सामरिक सहयोग करने के लिए अमरिका सबसे अधिक अहमियत दे रही है, यह दावा भी किया| तभी, इस बातचीत से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने एक कार्यक्रम के दौरान अमरिका स्थित भारतीय समुदाय को संबोधित किया|

इस दौरान बोलते समय राजनाथ सिंग ने भारत अब आगे से पाकिस्तान से बातचीत करने की संभावना ही ना होने की बात डटकर कही| पाकिस्तान अभी भी आंतकवाद का खुलेआम पुरस्कार कर रहा है और इस वजह से द्विपक्षीय बताचीत मुमकिन ना होने की बात भारतीय रक्षामंत्री ने स्पष्ट की| इसके आगे पाकिस्तान के बातचीत करनी है तो वहपीओकेके विषय में होगी, यह भी राजनाथ सिंग ने कहा| ‘पीओकेयह पाकिस्तान का हिस्सा नही है, बल्कि भारत की ही जमीन है, यह बात भी उन्होंने इस अवसर पर डटकर रखी|

साथ ही भारत के बेडे में पहले से रफायल लडाकू विमान होते तो अपनी सीमा में रहकर भारत ने पाकिस्तान में बने आतंकियों के अड्डों को तबाह किया होता, यह दावा भी राजनाथ सिंग ने किया| भारत कभी भी आक्रामक देश नही रहा और भारत ने कभी भी अन्य देश पर आक्रमण नही किया| पर, भारत में आतंकी हरकतें कर रहे दहशतगर्दों के प्रशिक्षण केंद्र भारत बर्दाश्त नही करेगा, यह कडी चेतावनी भी रक्षामंत्री ने दी है|

भारत को पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखने की उम्मीद है| वर्ष १९९९ में उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने यह संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी| पर, कारगिल करवाकर पाकिस्तान ने भारत का विश्वासघात किया, यह याद भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने इस दौरान ताजा की| इसके अलावा वर्ष २०१४ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शपथग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था| इसके बाद भी पाकिस्तान का बरताव सभी लोगों ने देख लिया है, ऐसी आलोचना भी राजनाथ सिंग ने इस कार्यक्रम के दौरान की|

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