ह्युस्टन के कार्यक्रम में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भारत के विषय में अहम ऐलान करेंगे

नई दिल्ली/वॉशिंगटन – संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अमरिका जा रहे हैं| इस दौरे में वह अमरिका के ह्यूस्टन शहर में अमरिकी-भारतीयों द्वारा आयोजित किए कार्यक्रम में शामिल होंगे| इस कार्यक्रम को हम उपस्थित रहेंगे ऐसा कहकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हम उस समय अत्यंत महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे, ऐसा भी घोषित किया है|

रविवार को ह्यूस्टन में होनेवाले इस कार्यक्रम को लगभग ५०,००० अमरिकी भारतीय उपस्थित रहनेवाले हैं| उस समय भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भी उपस्थित होंगे और इस वजह से भारत का प्रभाव बढ़ने की गवाही सामने आ रही है| जिसकी वजह से पाकिस्तान में विश्‍लेषक अस्वस्थ हुए हैं और कश्मीर प्रश्न पर अमरिका के साथ सारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ है, ऐसा इससे सिद्ध होने की बात विशेषज्ञों से कहीं जा रही है|

ह्यूस्टन में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम से एक ही समय पर अनेक संदेश दिए जा रहे हैं| जिसमें कौनसा संदेश स्वीकारना है, यह पाकिस्तान तय करें, ऐसे चुनिंदा शब्दों में भारत के विदेशमंत्री ने पाकिस्तान को टिप्पणी लगाई थी| जिसकी वजह से ह्यूस्टन में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम को बहुत बड़ा राजनीतिक महत्व मिल रहा है| अमरिका में भारतीय समुदाय प्रभावशाली होकर आनेवाले वर्ष में अमरिका में होनेवाले चुनाव में यह भारत ही उसे राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को सहायता अपेक्षित है| इस वजह से ट्रम्प के सभा में शामिल होने की बात पर लोगों ने ध्यान दिया है|

दौरान राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ह्यूस्टन के कार्यक्रम में वह अत्यंत महत्वपूर्ण घोषणा करने की बात कही है| इस घोषणा की जानकारी उन्होंने नहीं दी है| पर कुछ महीनों पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भारत को अमरिका के ‘जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेस प्रोग्राम’ (जीएसपी) से दूर किया था| भारत को यह दर्जा फिर से दिया जाए, ऐसी मांग अमरिका के लोक प्रतिनिधि ने की है| इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प भारत को यह दर्जा फिर से देंगे, ऐसी आशंका सामने आ रही है| अथवा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इससे भी अधिक अलग घोषणा करते हुए भारतीयों को आश्चर्य का सुखद झटका दे सकते हैं|

दौरान, ह्यूस्टन के इस कार्यक्रम को अमरिका के साठ लोकप्रतिनिधी उपस्थित होने बात भी कही जा रही है| इस वजह से भारतीयों का प्रभाव रेखांकित होने की बात नए से स्पष्ट हो रही है| प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की आनेवाले हफ्ते में दो बार भेंट होगी और उसका बहुत बड़ा सकारात्मक परिणाम दोनों देशों के संबंधों पर होनेवाला है| इस वर्ष के मई महीने से प्रधानमंत्री मोदी एवं राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की जापान में हुई जी-२० एवं फ्रान्स में हुई जी-७ परिषद में भेंट हुई थी|

दौरान प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के लिए हम अपनी हवाई सीमा का उपयोग नहीं करने देंगे, ऐसा पाकिस्तान ने कहा है| पाकिस्तान के इस उकसानेवाली कार्रवाई पर भारत ने संयमी प्रतिक्रिया दी है| अपने इस धारणा के परिणामों का एहसास पाकिस्तान को होगा एवं पाकिस्तान अपना निर्णय बदलेगा, ऐसा विश्वास भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने व्यक्त किया है|

कश्मीर के प्रश्न पर भारत के विरोध में कड़ी घोषणा देनेवाली पाकिस्तान की सरकार भारत की हवाई सीमा क्यों बंद नहीं कर रही  ऐसा प्रश्न उस देश के कट्टरपंथियों से पूछा जा रहा था| क्या इम्रान खान की सरकार के पास इतनी ताकत नहीं है, ऐसी टिप्पणी लगाई जा रही थी| इस वजह से दबाव में आकर पाकिस्तान की सरकार ने यह निर्णय लिया है| इसके पहले भी भारत के राष्ट्रपति के विदेश दौरे के लिए पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा का उपयोग नहीं करने देंगे, ऐसा निर्णय लिया था| पर अभी भी भारतीय यात्री विमानों के लिए अपनी हवाई सीमा बंद करने का निर्णय पाकिस्तान ने नहीं लिया है| अगर पाकिस्तान ने यह निर्णय लिया तो भारत अपनी नौसेना का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के रास्ते में अडंगा बने, यह मांग राज्यसभा के सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी|

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