विदेशमंत्री एस.जयशंकर चेक रिपब्लिक पहुँचे

प्राग – स्लोवाकिया का दौरा करके भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर अब चेक रिपब्लिक की राजधानी राजधानी प्राग पहुँचे हैं। अगले महीने से यूरोपिय महासंघ का अध्यक्ष पद चेक रिपब्लिक को प्राप्त होगा। इस वजह से भारतीय विदेशमंत्री का यह दौरा अहमियत रखता है। इसकी शुरूआत विदेशमंत्री ने चेक रिपब्लिक के यूरोपिय संसद के सदस्यों से मुलाकात करके की। उनके साथ इंडो-पैसिफिक, अनाज़ और ईंधन एवं डिजिटल क्षेत्र के सहयोग पर हमारी चर्चा हुई, यह जानकारी विदेशमंत्री जयशंकर ने प्रदान की।

विदेशमंत्री एस.जयशंकरस्लोवाकिया के बाद चेक रिपब्लिक का विदेशमंत्री का यह दौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का मुद्दा बना है। यूक्रेन के मुद्दे पर भारत की भूमिका की आलोचना करनेवाले यूरोपिय देशों को विदेशमंत्री जयशंकर ने एक परिषद के दौरान करारा तमाचा जड़ा था। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रशिया का विरोध नहीं किया और सहयोग भी जारी रखा, इस पर अमरीका और यूरोपिय देश लगातार भारत को लक्ष्य कर रहे हैं। तथा भारत ने रशिया के साथ ईंधन कारोबार पर भी अमरीका और यूरोपिय देश नाराज़गी जता रहे हैं। लेकिन, यह नीति आत्मकेंद्रीत होगी, ऐसा कहकर विदेशमंत्री जयशंकर ने यूरोपिय देशों को आयीना दिखाया था।

यूक्रेन मामले पर भारत पर आरोप लगा रहे यूरोपिय देश एशियाई महाद्वीप की समस्या पर कई बार शांत रहे थे, इसकी याद जयशंकर ने दिलायी थी। उनके बयान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संज्ञान लिया जा रहा है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादकीय लेख में जयशंकर का बयान यूरोप की आत्मकेंद्रीत नीति पर भारत की प्रतिक्रीय होने का दावा किया गया है। साथ ही यूक्रेन युद्ध शरू होने के बाद यूरोपिय देशों ने भारत पर बनाए दबाव की वजह से ही अब भारत इन्हें करारा जवाब दे रहा है, ऐसा ग्लोबल टाईम्स ने कहा है।

भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन को लेकर भी सख्त नीति अपनायी थी। भारत और चीन के सीमा विवाद के मुद्दे पर जयशंकर ने पश्चिमी देशों की सहायता पाने की कोशिश की थी। लेकिन, अब पश्चिमी देश कोई भी भू-राजनीतिक समस्या अच्छी तरह से संभाल नहीं पाते, उन्हीं के कारण युद्ध छिड़ता है, यही अब यूक्रेन की समस्या के रूप में विश्व के सामने लाया है। इससे भारत भी चौकन्ना हुआ है और भारत-चीन अपनी समस्याओं को संभाल सकते हैं, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर यूरोपिय देशों से कह रहे हैं। इसका कारण भारत को चीन से युद्ध नहीं करना है, ऐसा अनुमान ग्लोबल टाईम्स ने व्यक्त किया है।

असल में विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन की समस्या को संभालने का साहस भारत रखता है, ऐसा यूरोपियन देशों को सुनाया था। यूक्रेन पर हमला करनेवाली रशिया के विरोध में भारत ने यदि यूक्रेन का पक्ष नहीं लिया तो कल यदि चीन ने भारत को सैन्य चुनौती दी तो पश्चिमी देश भारत का पक्ष नहीं लेंगे, ऐसी धमकी स्लोवाकिया की परिषद के दौरान दी गयी थी। तब विदेशमंत्री जयशंकर ने राजनीतिक भाषा में कहा था कि, भारत चीन को टक्कर देने का साहस रखता है। इसे अलग रूप देने की कोशिश चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स कर रहा है।

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