विदेशमंत्री जयशंकर ‘यूएई’ का दौरा करेंगे

नई दिल्ली – भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ३१ अगस्त से ‘यूएई’ का दौरा करेंगे। अमरीका और यूरोपिय देश ईरान का परमाणु समझौता आखरी चरण में होने के दावे कर रहे हैं और इस वजह से ईरान के विरोध मे खड़े इस्रायल समेत खाड़ी केअन्य देश बेचैन हुए हैं। इससे खाड़ी क्षेत्र की गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं और ऐसें समय भारत के विदेशमंत्री का ‘यूएई’ दौरा करना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘यूएई’ का दौराविदेशमंत्री जयशंकर अपने इस दौरे में ‘यूएई’ के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन झायेद अल-नह्यान से चर्चा करेंगे। ‘इंडिया-यूएई जॉर्इंट कमिशन’ की बैठक के साथ दोनों देशों की रणनीतिक चर्चा भी जयशंकर के इस दौरे में होगी। इसमें दोनों देशों के सहयोग की प्रगति का जायजा दोनों देशों के विदेशमंत्री करेंगे। साथ ही नए सहयोग पर भी यह विदेशमंत्री सोच-विचार करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है।

जून महीने में भारत के प्रधानमंत्री ने यूएई का दौरा किया था। इस दौरान भारत और यूएई ने अह समझौते किए थे। दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौता भी किया हैं और इससे दोनों देशों के व्यापार को बड़ी गति प्राप्त होने के दावे किए जा रहे हैं। कोरोना की महामारी और इसके बाद शुरू हुए यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत और यूएई के व्यापार की अहमियत दोनों देशों के लिए अधिक ही बढ़ी हैं। विदेशमंत्री जयशंकर की इस यूएई यात्रा में इसका असर होने की कड़ी संभावना है।

इसी बीच, खाड़ी क्षेत्र में फिलहाल काफी बड़ी उथल-पुथल हो रही हैं। खास तौर पर अमरीका और यूरोपिय देश ईरान के साथ नए से कर रहें परमाणु समझौते की गूंज खाड़ी क्षेत्र में सुनाई दे रही हैं और इस वजह से यहां की स्थिति में तनाव निर्माण हो रहा हैं। ऐसें समय पर भारतीय विदेशमंत्री का यूएई दौरा राजनीतिक एवं सामरिक नज़रिये से काफी अहम होगा। भारत-इस्रायल, अमरीका-यूएई का ‘आई२यू२’ गूट गठित हुआ हैं। इस वजह से भारत का खाड़ी क्षेत्र का प्रभाव अधिक बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं। भारत एक ही समय पर इस्रायल समेत सौदी और यूएई से बेहतर सहयोग स्थापीत कर रहा हैं। इसी के साथ भारत के ईरान के साथ भी मित्रता के संबंध हैं और ईरान पर भी भारत का प्रभाव बढ़ने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत खाड़ी क्षेत्र की गतिविधियों में अहम योगदान दे सकता हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना ैंहैं। भारत इसके लिए कोशिश करता हैं तो विदेशमंत्री के यूएई दौरे में इसकी नींव लगाई जा सकती है, ऐसें संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

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