गेहूं निर्यात पर भारत की नीति स्पष्ट – व्यापारमंत्री पियूष गोयल

नई दिल्ली – भारत से आयात गेहूं का दर्जा खराब होने का आरोप लगाकर तुर्की ने इस गेहूं की खरीद करने से इन्कार करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लेकिन, भारतीय कंपनियों ने तुर्की को नहीं बल्की यह गेहूं नेदरलैण्ड भेजा था। यह गेहूं तुर्की कैसे पहुँचा, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन, भारत ने एक देश को निर्यात किया हुआ गेहूं दूसरे देश में नहीं जाना चाहिये, यह भारत की स्पष्ट नीति होने की बात व्यापारमंत्री पियूष गोयल ने कही है। भारत को पूरे विश्व के ज़रूरतमंद और गरीब एवं मित्रदेशों की जनता को हर मुमकिन मात्रा में गेहूं की आपूर्ति करनी है, ऐसा कहकर गोयल ने इशारा भी दिया कि, इस स्थिति से भारत किसी को लाभ उठाने का अवसर नहीं देगा।

रशिया और यूक्रेन पूरे विश्व को गेहूं की आपूर्ति करनेवाले प्रमुख देश हैं। इन देशों में छिडे हुए युद्ध की वजह से पूरे विश्व में गेहूं की किल्लत बनी है। साथ ही भारत के भंड़ार में काफी गेहूं मौजूद है और भारत से गेहूं की माँग हो रही है। शुरू के दौर में गेहूं की आपूर्ति करने का निर्णय करनेवाले भारत ने गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगायी थी। देश में गेहूं की कीमतें बढ़ने से भारत को यह निर्णय लेना पड़ा था। लेकिन, भारत से गेहूं के निर्यात की माँग शुरू हुई। कुछ देशों ने इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से दर्ख्वास्त भी की थी।

लेकिन, भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक नहीं लगायी। इस मुद्दे पर भारत अन्य देशों की सरकारों के साथ (गवर्मेंट टू गवर्मेंट) कारोबार करेगा, यह सरकार ने स्पष्ट किया था। साथ ही ज़रूरतमंद और गरीबों के लिए अधिकाधिक मात्रा में गेहूं की आपूर्ति हो, ब्योपारियों को भंड़ारण करके अतिरिक्त लाभ उठाने का अवसर ना मिले, यही भारत की नीति होने की बात व्यापारमंत्री पियूष गोयल ने स्पष्ट की। साथ ही मित्रदेशों को गेहूं की आपूर्ति करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी, यह भी गोयल ने कहा।

इसके आगे निजी कंपनियों को गेहूं का निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार की अनुमति के बाद ही गेहूं का निर्यात होगा, ऐसा इशारा व्यापारमंत्री गोयल ने दिया है। इसी बीच, यूक्रेन युद्ध की वजह से उभरे भयंकर आर्थिक संकट के दौर में भारत के पास अपनी जनता की माँगें पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज का भंड़ारण होना अहम बात है। इस मोर्चे पर विकसित देश भी बेबस होने का चित्र पिछले कुछ हफ्तों से देखा गया है। लेकिन, भारत की अनाज का निर्यात की क्षमता के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अहमियत अधिक बढ़ने की बात सामने आ रही है। 

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