विदेशमंत्री जयशंकर इस्रायल की यात्रा पर

तेलअवीव – भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर इस्रायल की पांच दिनों की यात्रा पर गए हैं। इस्रायल में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की सरकार बनने के बाद भारत की इस्रायल के साथ हो रही यह पहली उच्चस्तरीय चर्चा है। खाड़ी क्षेत्र में काफी बड़ी उथल-पुथल हो रही है और इसी बीच भारत-इस्रायल के रणनीतिक सहयोग को बड़ी अहमियत प्राप्त हुई है। इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री जयशंकर की इस्रायल यात्रा ध्यान आकर्षित करती है।

इस्रायल की यात्राशालोम इस्रायल, इन शब्दों में सोशल मीडिया पर अभिवादन करके जयशंकर ने भारत के विदेशमंत्री के तौर पर अपनी पहली इस्रायल यात्रा की जानकारी साझा की। पहले विश्‍वयुद्ध के दौरान इस्रायल के लिए बलिदान करनेवाले ९०० भारतीय सैनिकों के स्मारक पर पहुँचकर विदेशमंत्री जयशंकर ने अपनी यात्रा की शुरूआत की। उनके पांच दिनों के इस दौरे में दोनों देशों के रनणीतिक एवं व्यापारी सहयोग पर अहम चर्चा होने की उम्मीद है। खास तौर पर खाड़ी क्षेत्र में जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत और इस्रायल का सहयोग सार्थक साबित होने की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

बीते वर्ष इस्रायल ने संयुक्त अरब अमीरात एवं खाड़ी क्षेत्र के अन्य कुछ देशों के साथ ‘अब्राहम समझौता’ किया था। इस समझौते की वजह से खाड़ी क्षेत्र के देशों ने इस्रायल को मंजूरी प्रदान करके आर्थिक सहयोग स्थापित करना मंजूर किया था। अतीत में इस्रायल का अस्तित्व अमान्य करनेवाले देशों की भूमिका में हुआ बदलाव यानी रणनीतिक स्तर का भूकंप होने के दावे किए जा रहे हैं।

इस वजह से खाड़ी क्षेत्र में काफी बड़े बदलाव हुए हैं और ऐसी स्थिति में खाड़ी क्षेत्र में भारत बड़ी अहम भूमिका निभा सकता है, यह दावा इस्रायल के अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं। इसकी गवाही बीते कुछ महीनों से भारत का खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ बढ़ रहा सहयोग दे रहा है। इसी कारण जयशंकर के इस इस्रायल दौरे को विश्‍लेषक काफी बारिकी से देख रहे हैं।

इस्रायल में फिलहाल नई सरकार गठित हुई है और प्रधानमंत्री बेनेट की सरकार भी भारत से बेहतर सहयोग स्थापित करने के लिए भूतपूर्व इस्रायली सरकार की तरह ही उत्सुक होने के दाखिले दिए जा रहे हैं। अमरीका में बायडेन राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद उनकी ईरान समर्थक नीति के खिलाफ इस्रायल की सरकार ने पुख्ता भूमिका अपनाई है। ऐसी स्थिति में खाड़ी क्षेत्र के सौदी, संयुक्त अरब अमीरात के साथ सहयोग स्थापित करके इस्रायल अमरीका के बायडेन प्रशासन को प्रत्युत्तर देने की तैयारी जुटा रहा है।

भारत के ईरान से अच्छे ताल्लुकात होने के बावजूद इस्रायल और खाड़ी क्षेत्र के देशों का गुट इस क्षेत्र की स्थिरता एवं बड़े आर्थिक भागीदार देश के तौर पर भारत को बड़े विश्‍वास से देखने की बात पहले ही स्पष्ट हुई थी।

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