यूरोप-चीन व्यापारी संबंध कठिन मोड़ पर है – यूरोपिय महासंघ के व्यापार प्रमुख की चेतावनी

बीजिंग – चीन की अपारदर्शी नीति की वजह से यूरोपिय महासंघ के साथ उसके संबंध अहम चरण पर पहुंचे हैं। यहां से आगे यह संबंध या तो विकसित होंगे या खत्म हो सकते हैं। चीन ने अपनी अपारदर्शी व्यापारी नीति कायम रखी तो इससे दोनों ओर नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी यूरोपिय महासंघ के व्यापार प्रमुख वाल्दिस डोंब्रोवस्कीस ने दी। इस महीने के शुरू में यूरोपिय महासंघ ने चीन के इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के कारोबार की जांच शुरू करने की याद भी उन्होंने ताज़ा की। चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने फिर भी यह आरोप ठुकराए है। साथ ही आरोप लगा रहा यूरोपिय महासंघ चीन को लेकर काफी सावधानी से निर्णय करें, ऐसा इशारा उप-प्रधानमंत्री लिफेंग ने दिया है। 

व्यापार प्रमुखयूरोपिय महासंघ और सदस्य देश चीन के उत्पादों पर भारी मात्रा में निर्भर हैं। इलेक्ट्रिक मशीनरी, उसके पुर्जे, परमाणु प्रकल्पों में आवश्यक बॉयलर्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक और अन्य कई उत्पादों का यूरोपिय महासंघ चीन से आयात करता है। लेकिन, चीन की व्यापारी नीति एवं उसपर लगाए जा रहे करों की प्रणाली अपारदर्शी हैं और इससे हमें नुकसान पहुंच रहा हैं, ऐसा आरोप यूरोपिय महासंघ लगा रहा है। वर्ष २०२१ में यूरोपिय महासंघ और चीन का व्यापारी घाटा २०८.४ अरब डॉलर था। लेकिन, पिछले साल यही घाटा कुल २७६.६ अरब डॉलर तक जा पहुंचा था। 

व्यापार प्रमुखयूरोप को भारी मात्रा में निर्यात कर रहा चीन अपना बाज़ार यूरोपिय महासंघ के लिए खुला नहीं कर रहा है, ऐसी आलोचना महासंघ ने की थी। सितंबर महीने के शुरू में महासंघ ने चीन से आयात किए इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार को लेकर आशंका जताकर इसकी जांच करने के आदेश दिए थए। इस वजह से यूरोपिय महासंघ और चीन के व्यापारी संबंधों में बनी तेढ़ अधिक बढ़ती दिख रही थी। सोमवार को चीन के दौरे पर दाखिल हुए महासंघ के व्यापार विभाग के प्रमुख व्लादिस डोंब्रोवस्कीस ने इस मुद्दे पर नाराज़गी जताई। साथ ही यूरोपिय महासंघ के साथ व्यापारी संबंध सुधारने के लिए चीन के हाथों में यही एक अवसर होने का बयान डोंब्रोवस्कीस ने किया।

लेकिन, चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने यूरोपिय महासंघ ने लगाए आरोप ठुकराए। उल्टा महासंघ की व्यापार नीति की स्पष्ट और खुली न होने की आलोचना लिफेंग ने की थी। चीन पर आरोप लगाने से पहले यूरोपिय महासंघ अपना बाज़ार मुक्त और खुला करें, ऐसी मांग लिफेंग ने की। साथ ही चीन से व्यापार कर रहा यूरोपिय महासंघ ने चीन के व्यापारी नियमों का पालन करना बड़ा आवश्यक है, यह कहकर लिफेंग ने चीन को ज़िम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता, ऐसा बयान ड़टकर किया।

इसी बीच, हाली ही के हफ्तों में जर्मनी ने चीन की निर्भरता कम करने का ऐलान किया था। इसी बीच इटली ने चीन के ‘ब्लेट ॲण्ड रोड’ जैसे महत्वाकांक्षी प्रकल्प से पीछे हटने का ऐलान किया था। इसके बाद यूरोपिय महासंघ ने चीन को लेकर सख्त नीति अपनाने के संकेत दिए थे। लेकिन, डोंब्रोवस्कीस का चीन दौरा असफल हुआ दिख रहा है।

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