ताइवान के मसले पर युरोपीय महासंघ का चीन को नया झटका

वॉर्सा/तैपेई/बीजिंग – यूरोप के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए ताइवान ‘थ्री सीज् इनिशिएटिव्ह’ में सहभागी हो सकता है, ऐसा दावा पोलैंड के ताइवान में नियुक्त अधिकारी बार्तोस्झ रिस ने किया है। ‘ताइवान यह लोकतंत्रवादी देश होकर, उसकी अर्थव्यवस्था की भी तरक्की हो रही है। यह पृष्ठभूमि ताइवान को युरोपीय देशों का साझेदार बनाने के लिए उचित है’, इन शब्दों में बार्तोस्झ ने ताइवान को सहभाग के लिए प्रस्ताव दिया है। कुछ ही दिन पहले युरोपीय संसद ने ताइवान के साथ संबंध मजबूत बनाने का फैसला किया था।

POLAND-TAIWAN-1दुनिया के सभी देशों ने ‘वन चाइना पॉलिसी’ मान्य की है और उसके अनुसार ताइवान को स्वतंत्र मान्यता ना दें, ऐसा चीन डटकर कह रहा है। लेकिन अमरीका समेत दुनिया के प्रमुख देशों ने चीन की चेतावनियों को अनदेखा किया है। अमरीका ने ताइवान में ‘डिफॅक्टो एम्बसी’ शुरू करके तथा वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के दौरे आयोजित करके राजनीतिक सहयोग अधिक ही दृढ़ किया दिख रहा है। युरोपीय देशों ने भी उसका अनुकरण करने का फैसला करने की बात सामने आ रही है।

पिछले ही महीने में महासंघ का सदस्य देश होने वाले लिथुआनिया ने, ताइवान के साथ संबंध सुधारने के लिए कदम उठाने का ऐलान किया था। उस पर चीन ने लिथुआनिया को धमकाया था। इस मुद्दे पर महासंघ ने लिथुआनिया के साथ दृढ़तापूर्वक खड़े रहकर चीन के विरोध में भूमिका अपनाई। पोलैंड ने कुछ ही दिन पहले ताइवान को लगभग चार लाख कोरोना टीकों की सप्लाई की थी। उसी समय ताइवान और पोलैंड इन देशों के बीच २० से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर होने की बात भी सामने आई है। पोलैंड और लिथुआनिया ये दोनों देश ‘थ्री सीज् इनिशिएटिव्ह’ के सदस्य हैं।

‘थ्री सीज् इनिशिएटिव्ह’ में युरोप के १२ देशों का समावेश होकर ऊर्जा, तंत्रज्ञान, व्यापार, निवेश इन जैसे क्षेत्रों में सहयोग मज़बूत बनाने के लिए यह उपक्रम शुरू किया गया है। मध्य और पूर्वीय यूरोप के देशों का समावेश होनेवाले इस गुट ने अगर ताइवान को सहभागी करा लिया, तो यह बात चीन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। इससे पहले चीन ने ‘१७प्लस१’ इस उपक्रम के माध्यम से कुछ युरोपीय देशों को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिशें कीं थीं। लेकिन चीन के इस उपक्रम की अब आलोचना हो रही है और महासंघ ने भी उसपर नाराज़गी ज़ाहिर की है। चीन की इस असफलता की पृष्ठभूमि पर, युरोप के देशों द्वारा ताइवान को दिया जानेवाला निमंत्रण गौरतलब साबित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.