ईरान में धार्मिक ठिकानों पर हुए आतंकी हमले के पीछे शत्रु की साज़िश – ईरानी नेता का गंभीर आरोप

तेहरान –  ईरान के शिराझ् शहर के धार्मिक स्थान पर अज्ञात हमलावर ने गोलीबारी करने से १५ लोग मारे गए थे। इन मृतकों में महिला और दो बच्चों का भी समावेश हैं। ईरान की हुकूमत ने इस घटना को आतंकी हमला करार दिया हैं। ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने इस आतंकी हमले पर प्रत्युत्तर मिलेगा, यह ऐलान भी किया। साथ ही ईरान में वर्तमान मे शुरू हिज़ाब सक्ति विरोधी प्रदर्शनों से इस आतंकी हमले के तार जुड़े होने का आरोप आयातुल्लाह खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाया हैं।

आतंकी हमलेकाफी बड़ी धार्मिक अहमियत रखनेवाले इस स्थान पर हुआ आतंकी हमला यानी ईरान के शत्रु की साज़िश हैं, यह दावा आयातुल्लाह खामेनी ने किया। ऐसें जंगबाज़ शत्रु और उसका साथ करनेवाले विश्वासघातियों को परस्त करना ही हम सबका परम कर्तव्य हैं। सुरक्षा यंत्रणा से न्याय विभाग तक एवं माध्यमों के हर एक ने ईरान के इस शत्रु के विरोध मे एकजूट करनी होगी, यह आवाहन खामेनी ने किया हैं। इसी के साथ राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने ईरान में प्रदर्शन करनेवालों की वजह से ही शिराझ्ा शहर में यह आतंकी हमला होने का दावा किया। क्यों कि, ईरान के शत्रु को देश में अराजकता फैलानी हैं, दंगे भड़काने हैं और इसी मंशा से यह सब शुरू होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाया।

लेकिन ईरान में मौजूदा हो रहें हिज़ाबसक्ति विरोधी प्रदर्शन और शिराझ्ा शहर में हुए आतंकी हमले के तार जोड़नेवाले सबुत ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने पेश नहीं किए हैं। पश्चिमी माध्यमों ने इसपर ध्यान आकर्िषत किया हैं। इस आतंकी हमले का इस्तेमाल करके प्रदर्शनकारियों के विरोध में अधिक सख्त कार्रवाई करने के लिए ईरान की हुकूमत कदम उठाएगी, ऐसा दावा पश्चिमी माध्यमों ने किया हैं। महसा अमिनी नामक २२ वर्ष की युवति को हिज़ाब सक्ति के विरोध में अपनाई भूमिका की वजह से जान गवानी पड़ी थी। इसकी तीव्र गूंज ईरान में सुनाई पड़ी और सितंबर महीने से ईरान में तीव्र प्रदर्शन शुरू हुए थे। शुरू में महिलाओं के अधिकारों के लिए शुरू किए इन प्रदर्शनों को कुछ समय बाद ईरान की हुकूमत विरोधी प्रदर्शनों का स्वरूप प्राप्त हुआ।

आतंकी हमलेइन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं ने सख्त कार्रवाई करने से अबतक दो सौ से भी अधिक लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा हैं। साथ ही ईरान की यंत्रणाओं ने धरदबोचे लोगों में दस हज़ार से भी अधिक का समावेश हैं। ईरान के स्कूल और युनिवर्सिटीज्‌‍ से ईरानी हुकूमत का निषेध करनेवाले आगे आ रहे हैं और शिक्षकों का भी इन प्रदर्शनों को समर्थन दिखाई दे रहा हैं। कामगार, मज़दूर, व्यापारी वर्ग भी इन प्रदर्शनों का हिस्सा हुए हैं। लेकिन, इन प्रदर्शनों के पीछे अमरीका और इस्रायल इन ईरान के शत्रुदेशों की साज़िश होने का आरोप ईरान की हुकूमत लगा रही हैं। साथ ही कुछ भी हो, लेकिन ईरान की हुकूमत को इन प्रदर्शनों से झ्ाटका नहीं लगेगा, यह विश्वास ईरान के नेता व्यक्त कर रहे हैं।

इसके बावजूद बुधवार को शिराझ्ा शहर में हुए हमले की वजह से ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं पर अधिक तनाव बनने के दावेकुछ वृत्तसंस्थाओं ने किए। एक ही समय पर प्रदर्शन और आतंकी हमलों का सामना करने का काम ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं को करना पड़ रहा हैं और इस वजह से उनपर दबाव बढ़ेगा, ऐसा इस वृत्तसंस्था का कहना हैं। लेकिन, ईरान में राजनीतिक नज़रिये से सबसे ज्यादा प्रभावी धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने शिराझ्ा शहर के आतंकी हमले के तार ईरान के प्रदर्शनों से जोड़कर और एक विवाद शुरू किया हैं। इसके ज़रिये अपनी माँगों के लिए प्रदर्शन करनेवाले सभी विदेशी साज़िश का हिस्सा हो का आरोप लगाकर खामेनी और राष्ट्राध्यक्ष रईसी प्रदर्शनकारियों पर दबाव बनाते दिख रहे हैं।

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