ईरान समर्थक आतंकी खाड़ी में तैनात अमरिकी सैनिकों पर हमले करेंगे

दुबई – ‘खाड़ी क्षेत्र फिलहाल गृहयुद्ध शुरू होने के पहले जैसी स्थिति से गुजर रहा है। लेकिन, आनेवाले दिनों में ईरान समर्थक आतंकी खाड़ी में तैनात अमरिकी सैनिकों पर हमले करेंगे, अमरीका के सहयोगी देशों को लक्ष्य करेंगे और इसके कारण खाड़ी में फिर से तनाव निर्माण होगा’, ऐसी चेतावनी अमरिकी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टनंट जनरल ऐलेक्सस ग्रिन्केविच ने दी। साथ ही ईरान के परमाणुकार्यक्रम की तेज़ गतिविधियाँ भी खाड़ी में तनाव बढ़ा रही हैं, यह दावा लेफ्टनंट जनरल ग्रिन्केविच ने किया। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के खाड़ी दौरे के बाद अमरिकी अधिकारी ने यह चेतावनी दी है।

अमरिकी सैनिकों पर हमलेखाड़ी में अमरिकी सैनिकी कमांड़ के नेतृत्व में बदलाव हो रहा है। इराक, सीरिया, अफ़गानिस्तान समेत खाड़ी में मौजूद वायुसेना की बागड़ोर लेफ्टनंट जनरल ग्रिन्केविच के हाथों में सौंपी गई है। कतार में स्थित अमरिका के अल उदेद हवाई अड्डे के कमांड की बागड़ोर स्वीकारने से पहले लेफ्टनंट जनरल ग्रिन्केविच ने माध्यमों से बातचीत करते समय ईरान और ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों से उभर रहे खतरे को रेखांकित किया।

अमरिकी सैनिकों पर हमलेपरमाणु समझौते की बातचीत के दौरान भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जारी विस्तार ही इस क्षेत्र के तनाव का प्रमुख कारण है, यह दावा लेफ्टनंट जनरल ग्रिन्केविच ने किया। साथ ही ईरान के खतरे का अहसास भी ग्रिन्केविच ने कराया। ‘अमरीका पर लगातार हमले नहीं हुए। लेकिन, इन हमलों की योजना बनाई जा रही है, यह बात अमरीका जानती है। आनेवाले समय में अमरीका के विरोध में काफी कुछ करने की तैयारी की जा रही है’, यह दावा ग्रिन्केविच ने किया।

साथ ही येमन में ईरान से जुड़े हौथी विद्रोही युद्ध विराम के लिए तैयार हैं, फिर भी यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं रहेगी, यह इशारा ग्रिन्केविच ने दिया। इसी दौरान इराक में ईरान से जुड़े आतंकी भी अमरीका के सैनिकों की सुरक्षा के लिए खतरा होने का दावा अमरिकी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।

इसी बीच, पिछले हफ्ते अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सौदी अरब का दौरा किया था। ईरान का परमाणु कार्यक्रम और ईरान से जुड़ी आतंकी संगठनों का बढ़ता प्रभाव जैसे मुद्दे सौदी और अरब-खाड़ी मित्रदेशों ने बायडेन के सामने रखे थे। तब बायडेन ने येमन के युद्धविराम का स्वागत किया था। लेकिन, बायडेन के सौदी दौरे के बाद हौथी विद्रोहियों ने युद्धविराम की समय सीमा ना बढ़ाने का ऐलान किया था। इसके बाद हौथी विद्रोहियों ने येमनी सेना पर हमले किए, ऐसी खबरें सामने आयी थीं।

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