ईरान का परमाणु करार अंतिम पडाव पर है, और इजिप्ट में अरब देशों की विशेष बैठक जारी है

कैरो – ईरान का परमाणु करार अंतिम पडाव पर होने की खबरें मिल रही हैं और इजिप्ट के अल-अलामिन शहर में अरब देशों की अविलंब बैठक शुरु हुई है। इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अब्देल फराह अल-सिसी ने यह बैठक आयोजित की। अरब देशों की इस बैठक में सौदी अरेबिया का समावेश नहीं है, यह बात ध्यान आकर्षित कर रही है।

पिछले 16 महीनों से अमेरिका और ईरान के बीच जारी परमाणु करार के व्यवहार सफल हो रहे हैं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। अमेरिका एवं युरोपीय देशों की चर्चा के बाद इस परमाणु करार की घोषणा की जा सकती है। ऐसी स्थिति में इजिप्ट ने अरब देशों की अविलंब बैठक आयोजित की है। इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अल-सिसी के साथ युएई के राजा मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नह्यान, जॉर्ड के राजा अब्दुल्ला, बहरीन के राजा हमाद बिन इसा अल खलिफा और इराक के अंतरिम प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी इस बैठक में शामिल हैं।

कहा जा रहा है कि, युक्रेन के संघर्ष की वजह से निर्माण हुई ऊर्जा एवं अनाज की किल्लत के मुद्दों पर अरब देशों की यह बैठक हो रही है। इस बैठक में उपस्थित इराक के अलावा अन्य चारों देशों ने इस्रायल के साथ सहयोग प्रस्थापित किए हैं। इस ओर अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 

खुलेआम भले ही ना माना हो पर इजिप्ट में यह अरब देशों की चर्चा में ईरान के परमाणु करार का मुद्दा निहाई पर होगा, ऐसी कडी संभावना सामने आ रही है। 

अमेरिका एवं युरोपिय देश ईराज के साथ फिर से परमाणु करार करके युक्रेन के युद्ध के कारण निर्माण हुई ईंधन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेसब्र हैं। इसके लिए युरोपिय देशों ने ईरान को निर्णायक इशारा दिया था। इसके बाद ईरान की भूमिका में बदलाव दिखाई दिया था। उम्मीदनुसार ईरान ने घोषित किया था कि, फिर से परमाणु करार होगा। पर उक्त परमाणु करार का मार्ग इतना आसान नहीं है। पर इस्रायल, सौदी एवं अन्य खाडी देशों से तीव्र प्रतिक्रियाओं के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

इजिप्ट में जारी अरब देशों की चर्चा इसी के संकेत देनेवाली बात है। अमेरिका एवं पश्चिमी देशों ने ईरान के साथ परमाणु करार करते ही इस देश का परमाणु तत्परता का मार्ग खुल जाएगा, ऐसा इशारा इस्रायल निरंतररूप से दे रहा है। सौदी अरेबिया के नेतृत्व ने तो ईरान को यह अधिकार मिलने पर अपना देश भी पीछे नहीं रहेगा, ऐसी धमकी दी है। सौदी के नेतृत्व में अन्य अरब देशों ने भी ईरान के इस परमाणु करार के बारे में ऐसे ही स्वरूप की प्रतिक्रियाएं दर्ज की थीं।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के सत्ता पर आते ही यह बात स्पष्ट हो गई थी कि, अमेरिका फिर से ईरान के साथ परमाणु करार की पहल करेगी। इसके बाद इस्रायल ने अरब-खाडी देशों के साथ अपना सहयोग अधिक दृढ करने के लिए तेज़ी से कदम बढाए थे। इसके प्रभाव दिखने लगे हैं और खाडी में ईरान के खिलाफ वाले अरब देशों की मजबूत आघाडी बनती हुई दिख रही है। मार्च में इस्रायल के नेगेव में हुई अरब-खाडी देशों की बैठक में इसकी पुष्टि कर रही थी। क्या इजिप्ट में जारी बैठक ईरान विरोधी आघाडी का अगला भाग है, यह बात बहुत जल्द स्पष्ट होगी।

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