इस्रायल से सहयोग कर रहे अरब देश इसी आग में झुलस जाएँगे – ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी की धमकी

तेहरान – ‘अरब देश इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित ना करें। ऐसा होने पर इस्रायल जीस आग में झुलस रहा है उसी आग में अरब देश भी झुलस जाएँगे’, ऐसी धमकी ईरान के मिसाइल विभाग के प्रमुख मेजर जनरल हुसेन सलामी ने दी है। तभी, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ट्रम्प प्रशासन की गलत नीति ना दोहराएं, यह धमकी भी सलामी ने दी है।

israel-iran-arabईरान के ‘रिवोल्युशनरी गार्ड्स’ ने अपनी नौसेना में ३४० स्पीडबोट्स दाखिल किए हैं। इनमें ड्रोन वाहक एवं मिसाइलों से सज्जित स्पीडबोट्स का भी समावेश है। यह स्पीडबोट्स होर्मुज़ की खाड़ी और पर्शियन खाड़ी में भी तैनात किए जाएँगे, यह ऐलान रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने किया है। अमरीका ने बीते हफ्ते में ही इस समुद्री क्षेत्र में तैनात विमान वाहक ‘यूएसएस निमित्ज़’ युद्धपोत यहां से हटाई थी। ऐसी स्थिति में ईरान के ३४० स्पीडबोट्स तैनात होने से अगले दिनों में पर्शियन खाड़ी में तनाव अधिक बढ़ने की संभावना होने का दावा खाड़ी क्षेत्र के एवं अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं।

israel-iran-arabइन स्पीडबोट्स का अपने बेड़े में समावेश करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान मेजर जनरल सलानी ने ‘अब्राहम समझौते’ द्वारा इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित कर रहे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन जैसे अरब देशों को धमकाया। ‘इस्रायल की हुकूमत शापित है और जिन देशों के साथ इस हुकूमत ने सहयोग स्थापित किया वे देश भ्रष्ट ही हुए हैं। खाड़ी क्षेत्र में ईरान विरोधी अरब हुकूमतों ने इस्रायल की हुकूमत के साथ मित्रता बनाने की बिल्कुल आवश्‍यकता नही है क्योंकि, दुर्भाग्यवश यह सहयोग ज्यादा समय तक कायम नहीं रहेगा। जिस आग में आज इस्रायल झुलस रहा है, उसी आग में आप भी झुलस जाएँगे’, ऐसी धमकी सलामी ने दी। अरब जनता उनकी हुकूमत का इस्रायल के साथ सहयोग करना बर्दाश्‍त ना करे, ऐसा बयान करके सलामी ने उकसाने का काम किया है।

israel-iran-arabइसके अलावा मेजर जनरल सलामी ने अमरीका के बायडेन प्रशासन को भी धमकाया है। ‘ईरान विरोधी मानसिक दबावतंत्र के युद्ध में अमरीका स्पष्ट तौर पर पराभूत हुई है। ऐसे में बायडेन प्रशासन ने फिरसे यही नाकाम नीति अपनाने की आवश्‍यकता नही है। ईरान अपनी स्वतंत्रता का सौदा नहीं करेगा’, ऐसा बयान सलामी ने किया। साथ ही ईरान सफलता के साथ प्रतिबंधों के जाल से बाहर निकला है और इसके आगे ईरान किसी भी तरह के प्रतिबंध बर्दाश्‍त नहीं करेगा, यह इशारा भी सलामी ने दिया।

इसी बीच, बीते कुछ हफ्तों से ईरान ने परमाणु समझौते के मसले पर आक्रामक भूमिका अपनाई है। अमरीका की किसी भी तरह की माँगे स्वीकार नहीं करेंगे, यह बात भी ईरान ने स्पष्ट की है। बायडेन प्रशासन को परमाणु समझौता करना हो तो ईरान के शर्तों पर करना होगा और इसके लिए बायडेन प्रशासन के हाथों में मात्र दो हफ्तों का अवधि शेष है, यह इशारा ईरान ने दिया है।

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