ईरान और चीन के मुद्दों पर बातचीत करने के लिए पोम्पिओ कर रहे हैं इस्रायल और अरब देशों का दौरा

वॉशिंग्टन – अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ अगले कुछ ही घंटों में इस्रायल और अरब देशों का अहम दौरा शुरू कर रहे हैं। इस दौरे के दौरान अमरिकी विदेशमंत्री इस्रायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच ऐतिहासिक समझौता आगे बढ़ाएंगे और साथ ही ईरान और चीन के खतरे के मुद्दे पर चर्चा करेंगे, यह जानकारी सामने आ रही है। पोम्पिओ के इस दौरे के बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के सलाहकार जैरेड कश्‍नर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन का दल भी इस्रायल और अरब देशों की यात्रा कर रहा है।

US-israel-UAEबीते सप्ताह में इस्रायल और यूएई के बीच हुए शांति समझौते की पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशमंत्री पोम्पिओ और कश्‍नर को इस्लामी देशों का विशेष दौरा करने के लिए रवाना करने का निर्णय किया है। पोम्पिओ और कश्‍नर के इस दौरे में इस्रायल और अरब देशों के बीच सहयोग स्थापित करने की कोशिश करेंगे, यह जानकारी ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने साझा की। इसके लिए विदेशमंत्री पोम्पिओ अपने दल के साथ सोमवार के दिन इस्रायल पहुँचेंगे। इस दौरान अमरिकी विदेशमंत्री बहरीन, ओमान, यूएई, कतार और सुदान की यात्रा करेंगे।

इसी दौरान सप्ताह के अन्त में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के सलाहकार कश्‍नर का दल इस्रायल और अरब देशों के लिए रवाना होंगे। इनमें ट्रम्प के सुरक्षा सलाहकार ओब्रायन एवं खाड़ी क्षेत्र की शांति के लिए नियुक्त किए गए विशेषदूत एवी बेर्कोवित्झ और ईरान के लिए नियुक्त विशेषदूत ब्रायन हुक का भी समावेश रहेगा। इस दौरान कश्‍नर का दल इस्रायल, बहरीन, ओमान, सौदी अरब और मोरोक्को की यात्रा करेंगे। कश्‍नर की इस यात्रा में खाड़ी क्षेत्र की शांति के साथ ही ईरान एवं चीन की इस क्षेत्र में जारी गतिविधियों पर भी चर्चा होगी, यह दावा किया जा रहा है। इस पूरे दौरे में अमरिकी अधिकारी इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू, रक्षामंत्री बेनी गांत्झ, विदेशमंत्री गाबी अश्‍केनाज़ी एवं यूएई के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन ज़ईद अल नह्यान से भेंट करेंगे।

US-israel-UAEइसी बीच इस्रायल और अरब देशों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए अमरिका की यह कोशिश जारी है। लेकिन, साथ ही ईरान का परमाणु कार्यक्रम, खाड़ी क्षेत्र में हो रहे लष्करी हस्तक्षेप के मुद्दे पर भी अमरिकी अधिकारी चर्चा करेंगे। साथ ही ईरान में हो रहे चीन के निवेश को लेकर खाड़ी देशों से व्यक्त हो रही चिंता के मुद्दे पर भी चर्चा होगी, यह बात अमरिकी माध्यम कह रहे हैं।

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