पाकिस्तान के ग्वादर में चीन के ‘सीपीईसी’ के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन

कराची – चीन के महत्त्वाकांक्षी ‘बेल्ट अ‍ॅण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ का हिस्सा होने वाले ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’(सीपीईसी) के विरोध में ग्वादर में ज़ोरदार प्रदर्शन शुरू हुए हैं। ‘गिव राईट्स टू ग्वादर’ इस नाम से ये प्रदर्शन जारी होकर, सुरक्षा चौकियाँ हटाने की तथा पानी और बिजली की सप्लाई करने की माँग की जा रही है। रविवार को ‘जमात ए इस्लामी बलुचिस्तान’ के नेतृत्व में ग्वादर में बड़ा जुलूस भी निकाला गया होने की बात सामने आई है।

CPEC-Gwaderबलोचिस्तान का प्रमुख बंदरगाह होनेवाले ग्वादर में, पाकिस्तान सरकार और लष्कर ने थोंपे हुए प्रतिबंधों तथा अपर्याप्त सुविधाओं के मुद्दे पर आंदोलन किया जा रहा है। पिछले चार दिनों से आंदोलन जारी होकर, उसके तहत सभाएँ, धरना तथा जुलूस आयोजित किए जा रहे हैं। सुरक्षा चौकियाँ हटाना, मकरान के किनारे पर के बड़े ट्रॉलर्स हटाना, बिजली तथा पानी की सप्लाई सुचारू करना इन जैसी माँगे आंदोलकों ने की है।

आंदोलन में राजनीतिक पार्टियां, नागरी गुट, मच्छीमार इनके साथ आम नागरिक भी बड़े पैमाने पर सहभागी हुए हैं। माँगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा, ऐसी चेतावनी स्थानीय नेता मौलाना हिदायत उर रेहमान ने दी। सरकार ने ग्वादर की मूलभूत समस्याओं की ओर अनदेखा करने के कारण प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं, यह भी उन्होंने बताया। ग्वादर में हालाँकि बड़ा प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है, फिर भी शहर के स्थानीय लोग बेरोज़गार ही रहे होकर, सरकार ने उसपर ध्यान नहीं दिया, ऐसी आलोचना भी रेहमान ने की।

ग्वादर में शुरू हुआ आंदोलन सीपीईसी के विरोध में पाकिस्तान में बढ़ रहे असंतोष का प्रतीक माना जाता है। ग्वादर का प्रोजेक्ट यह चीन के महत्त्वाकांक्षी ‘बेल्ट अ‍ॅण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ के तहत बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट माना जाता है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के कारण पाकिस्तान में आईं चिनी कंपनियाँ तथा कर्मचारी और स्थानीय प्रशासन ने तैनात की हुई सुरक्षा यंत्रणा, इनके विरोध में तीव्र नाराज़गी की भावना है। इसकी गूँजें अधिक तीव्रता से सुनाई देनीं शुरू हुईं होकर, यह नया आंदोलन उसी का भाग दिख रहा है। 

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