उत्तर कोरिया को सहायता करने वाले चीन, रशियन कंपनियों पर अमरीका के प्रतिबन्ध – रशिया की ओर से अमरीका को प्रत्युत्तर का इशारा

वाशिंगटन/बीजिंग/मोस्को: संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिबन्ध के बाद भी उत्तर कोरिया के साथ सहकार्य करने वाली चीन और रशिया की १६ कंपनियों पर अमरीका ने प्रतिबन्ध लगाए हैं। अमरीका की इस प्रतिबन्ध की घोषणा पर चीन और रशिया से जोरदार प्रतिक्रियाएं आई हैं। अमरीका यह प्रतिबन्ध वापस ले, ऐसी माँग चीन ने की है।

अमरीका के प्रतिबन्ध

अमरीका के राज्य-कोष मंत्रालय ने उत्तर कोरिया से संबंधित इस नए प्रतिबन्ध की घोषणा की है। ‘चीन, रशिया और अन्य कुछ देशों के कुछ अधिकारी, कंपनियां आज भी उत्तर कोरिया के साथ व्यापारी और आर्थिक सहकार्य कर रहे हैं। अमरीका इस प्रकार का सहकार्य कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस सहकार्य का इस्तेमाल उत्तर कोरिया परमाणु निर्माण के लिए और कोरियन इलाके में अस्थिरता निर्माण करने के लिए कर रहा है’, ऐसी टीका अमरीका के राज्य-कोष मंत्री स्टीवन मुचिन ने की है। अमरीका ने चीन, रशिया के साथ अन्य कंपनियों पर लगाए प्रतिबन्ध संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों के तहत हैं, ऐसा भी मुचिन ने कहा है।

अमरीका ने लगाए हुए यह प्रतिबन्ध मतलब चीनी कंपनियों को लक्ष्य बनाने की कोशिश है, जिसके दोनों देशों के संबंधों पर विपरीत परिणाम होकर ही रहेंगे, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है। अमरीका तुरंत यह प्रतिबन्ध हटाए, ऐसी माँग चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ च्युनयिंग ने की है। रशिया ने भी अमरीका के प्रतिबंधों पर तीव्र प्रतिक्रिया दी है।

रशिया अमरीका के इन प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देने की तैयारी कर रहा है, ऐसा रशियन उपराष्ट्रमंत्री सर्जेई रिब्कोव्ह ने कहा है। इस वजह से अमरीका के प्रतिबंधों पर चीन और रशिया की ओर से प्रत्युत्तर मिलने वाला है, यह बात तय है। इस प्रत्युत्तर में अमरीका के वित्तीय हितसंबंधों को लक्ष्य बनाने का प्रयास चीन और रशिया की ओर से किया जा सकता है।

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