अमरीका में हुई हिंसाचार की घटना का चीन, रशिया द्वारा गैरइस्तेमाल होने की संभावना – विश्‍लेषकों की चेतावनी

us-china-russiaवॉशिंग्टन – ‘अमरीका में हो रहीं अराजक की घटनाओं से शी जिनपिंग और व्लादिमिर पुतिन यक़ीनन ही खुश हुए होंगे। इस परिस्थिति का फ़ायदा उठाने के लिए चीन और रशिया ने गतिविधियाँ शुरू कीं होंगी’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख विश्‍लेषक प्राध्यापक पॉल डिब ने दी। वहीं, अमरीका में जनतंत्र को बंधक बनाया गया, यह बात प्रतिस्पर्धी तथा शत्रुदेशों को खुश करनेवाली साबित होने का दावा गोराना ग्रेजिक ने किया है। चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत अमरीका में हुए हिंसाचार का प्रचारयुद्ध के लिए इस्तेमाल कर सकती है, ऐसा भी अमरीका के पूर्व राजनीतिक अधिकारी ने जताया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने बुधवार के दिन राजधानी वॉशिंग्टनस्थित संसद की ईमारत पर हल्लाबोल किया था। उस समय प्रदर्शनकारी सुरक्षाव्यवस्था को तोड़कर संसदीय सभागृहों में तथा विभिन्न कार्यालयों में घुसे थे। इस दौरान ट्रम्प समर्थक और पुलीस के बीच हुई हाथापायी में चार निदर्शकों समेत पाँच लोगों की मृत्यु हुई होकर, १४ पुलीस ज़ख़्मी हुए थे। सुरक्षायंत्रणाओं ने संसद और परिसर से हथियार भी बरामद किये हैं। संसद और परिसर में कोहराम मचाने के कारण सुरक्षायंत्रणाओं द्वारा ७० से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार भी किया गया है।

us-china-russiaबुधवार को हुई इस घटना की गूँजें आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ोर से सुनायी दीं थीं। दुनियाभर के प्रमुख देशों के नेताओं ने इसपर खेद ज़ाहिर किया होकर, अमरीका में शांतिपूर्वक सत्ता का हस्तांतरण हों, ऐसी उम्मीद व्यक्त की थी। लेकिन चीन, रशिया, ईरान जैसे देशों द्वारा अमरीका में हुई इस घटना की आलोचना की थी। अमरीका में चुनाव व्यवस्था पुरानी हुई होकर, आधुनिक जनतंत्र के निकष पूरे करने में असफल साबित हुई है, ऐसी आलोचना रशिया ने की थी। अमरीका में जनतंत्र का उत्सव समाप्त हुआ होने का दावा भी एक रशियन नेता ने किया था।

us-china-russiaअमरीका की अंतर्गत व्यवस्था ढ़ह गयी होने का दावा करके चीन ने, संसद में हुए प्रदर्शनों की तुलना हाँगकाँग के आंदोलन से की थी। लेकिन चीन के इस बयान पर पश्चिमी प्रसारमाध्यमों से तीव्र प्रतिक्रिया आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर, ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक और पूर्व राजनीतिक अधिकारियों ने दी हुईं चेतावनियाँ ग़ौरतलब साबित होतीं हैं। ‘अमरीका की राजधानी में हुए हिंसाचार का इस्तेमाल चीन प्रचारयुद्ध के लिए करेगा और यह बहुत ही चिंताजनक बात साबित हो सकती है। केवल चीन ही नहीं, बल्कि अन्य देश भी उसका इस्तेमाल करने की संभावना है। यह सब बहुत ही भयावह है’, ऐसा अमरीका के चीन में नियुक्त पूर्व राजदूत मॅक्स बॉकस ने जताया।

इसी बीच, युरोप के कुछ अधिकारियों ने, बुधवार को हुआ हिंसाचार यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा की गयी विद्रोह की कोशिश हो सकती है, ऐसा दावा किया है। ट्रम्प की इन कोशिशों को, क़ानून और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होनेवालीं यंत्रणाओं द्वारा सहायता हुई होगी, ऐसा भी इस दावे में बताया गया।

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