रशिया-युक्रेन तनाव की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 95 डॉलर्स के पार

लंडन/न्यूयॉर्क – रशिया और युक्रेन के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि पर शुक्रवार को कच्चे तेल के दामों ने उछाल लेते हुए प्रति बैरल 95 डॉलर्स का स्तर पार किया। अक्तूबर 2014 के बाद कच्चे तेल के दामों ने पहली ही बार 95 डॉलर्स का पड़ाव पार किया है। इस वृद्धि की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेलों के दाम इस साल में 120 डॉलर्स प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं, ऐसा अनुमान विश्लेषकों ने जताया है।

शुक्रवार को लंदन तथा अमरीका में हुए व्यवहारों में कच्चे तेल के दामों ने चार प्रतिशत से अधिक उछाल लिया। लंदन में हुए व्यवहारों में ‘ब्रेंट क्रूड’ तेल ने 4.14 प्रतिशत की उछाल लेते हुए प्रति बैरल 95.37 डॉलर्स दाम दर्ज किए। वहीं, अमरीका में ‘डब्ल्यूटीआय’ श्रेणी के तेल के दाम पाच प्रतिशत से अधिक बढ़ते हुए प्रति बैरल 94.66 डॉलर्स पर पहुँचे। कच्चे तेलों के दामों ने इस हफ्ते में दूसरी बार उछाल लिया है।

कुछ दिन पहले ‘इंटरनॅशनल एनर्जी एजेंसी’ ने कच्चे तेल के संदर्भ में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उसमें सन 2022 के अंत तक कच्चे तेल की मांग प्रतिदिन 10 करोड़ बॅरल्स से ऊपर पहुंचेगी, ऐसा दावा किया था। इस दावे की वजह से कच्चे तेल के दामों ने दो प्रतिशत का उछाल लिया था। उसके बाद अब फिर एक बार कच्चे तेल के दाम बढ़ते हुए दिख रहे हैं।

शुक्रवार को कच्चे तेल के दामों में उछाल लेने के पीछे अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का बयान यह अहम घटक साबित होने की बात सामने आई है। सुलिवन ने रशिया के युक्रेन पर आक्रमण की संभावना जाहिर करते समय, यह आक्रमण चीन में ओलंपिक गेम्स जारी रहते भी हो सकता है ऐसा जताया था। यह बयान रशिया-युक्रेन युद्ध की संभावना अधिक बढ़ी होने के संकेत देनेवाले साबित होने के कारण उस पर मार्केट से प्रतिक्रिया आई और तेल के दामों ने उठा लिया, इस पर विश्लेषकों ने गौर फरमाया।

सन 2021 में कच्चे तेल के दामों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, 2022 के पहले 40 दिनों में ही कच्चे तेल के दाम लगभग 30 प्रतिशत से बढ़े हैं। इस पृष्ठभूमि पर आने वाले कुछ दिनों में कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर्स प्रति बैरल तक पहुँच सकते हैं, ऐसा अनुमान पॅवेल मोल्कानोव्ह इस विश्लेषक ने जताया है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सऊदी अरब तथा अमरीका के साथ ही रशिया यह देश 10 प्रतिशत तेल की सप्लाई करता है। उसमें से 50 प्रतिशत तेल की सप्लाई युरोप को की जाती है। अगर रशिया-युक्रेन युद्ध भड़का, तो तेल के इस सप्लाई को खतरा पहुँच सकता है। इससे कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर्स प्रति बैरल तक उछल सकते हैं और उसका झटका भारत, जर्मनी और फ्रान्स जैसे देशों को लग सकता है’, ऐसी चेतावनी मोल्कानोव्ह ने दी।

विश्‍लेषक ट्रॉय व्हिन्सेंट ने ऐसा दावा किया है कि ऐन युद्ध के दौर में कच्चे तेल के दामों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।

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