युरोप में ईंधनवायु की दरें दो हज़ार डॉलर्स के पार – ईंधनदरों पर लगाई मर्यादा के मुद्दे पर युरोपीय देशों में मतभेद तीव्र

ब्रुसेल्स/मॉस्को – रशिया से युरोप को सप्लाई कर रही ईंधनवाहिनी के मुद्दे पर नये प्रतिबन्धों की जानकारी सामने आयी है। इस पृष्ठभूमि पर, युरोप में ईंधनवायु की दरों में 10 प्रतिशत से उछाल देखा गया होकर, दरें प्रति हज़ार घनमीटर दो हज़ार डॉलर्स पर पहुँची हैं। पिछले चार दिनों में ईंधनवायु की दरों में तीसरी बार 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। इसी पृष्ठभूमि पर, युरोपीय महासंघ में हुई एक बैठक में रशियन ईंधन की दरों पर मर्यादा लगाने के प्रस्ताव पर फिर से मतभेद हुए होने की बात सामने आयी। जर्मनी, ऑस्ट्रिया इन जैसे देशों ने इसका विरोध दर्शाने की बात बताई जाती है।

ईंधनवायुरशिया से युरोप को सप्लाई की जानेवाली ईंधनवायु का मुख्य भाग होनेवाली ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधनवाहिनी फिलहाल बन्द है। लेकिन युक्रेन होकर जानेवाली ‘तुर्क स्ट्रीम’ इस ईंधनवाहिनी के ज़रिये तुर्की समेत युरोपीय देशों को ईंधनवायु की सप्लाई जारी है। मंगलवार को रशिया के गाझप्रोम इस कंपनी ने, युक्रेनी कंपनी के साथ आर्थिक व्यवहारों के मुद्दे पर विवाद पैदा हुआ है और इससे ईंधन सप्लाई में समस्या निर्माण हो सकती है, यह जताया था। उसके बाद अब तुर्क स्ट्रीम की सप्लाई में अगर ख़राबी हुई, तो उसकी मरम्मत नहीं की जा सकती, यह बात सामने आयी है। युरोपीय महासंघ ने रशिया पर थोंपे प्रतिबन्धों के कारण उसमें दिक्कतें आ सकती हैं, ऐसा बताया जाता है।

ईंधनवायुयह बात सामने आने के बाद युरोप में ईंधनवायु की दरों में फिर से उछाल आयी है। शुक्रवार को ईंधनवायु की दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इससे ईंधनवायु की दर प्रति हज़ार घनमीटर 2,100 डॉलर्स तक पहुँची। यह इस हफ़्ते में हुई तीसरी उछाल है। सोमवार को ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ में हुए रिसाव की घटना सामने आने के बाद युरोप में ईंधनवायु की दरें बढ़ीं थीं। उसके बाद गाझप्रोम ने दी चेतावनी और अब ‘तुर्क स्ट्रीम’ की घटना, इन घटनाओं के कारण ईंधनवायु की दरों में उछाल आयी दिख रही हैं।

इसी बीच, रशियन ईंधन के दामों पर मर्यादा थोंपने की युरोप की कोशिश फिर एक बार नाक़ाम साबित हुई है। इस मुद्दे पर महासंघ में एकमत नहीं हुआ है, इसकी कबुली महासंघ की वरिष्ठ अधिकारी कॅड्रि सिम्सन ने दी। इटली और पोलैंड जैसे देशों ने इस मुद्दे पर आग्रही भूमिका अपनाई होकर, जर्मनी जैसे प्रमुख देश ने भी विरोध दर्शाया है।

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