भारत ‘हायब्रिड वॉरफेअर’ के लिए तैयार रहे – वायुसेनाप्रमुख विवेक राम चौधरी का संदेश

नई दिल्ली – देश के शत्रु ने अतिप्रगत तकनीक के साथ हायब्रिड वॉरफेअर में शामिल हर दायरे में काफी बड़ी प्रगति की है। इसका भारत के खिलाफ पूरी क्षमता के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखकर भारत ‘हायब्रिड वॉरफेअर’ के लिए तैयार रहे, ऐसा संदेश एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने दिया। विश्वभर के सत्ता केंद्र की भारत विरोधी हरकतों का खतरा रेखांकित करके तथा पड़ोसी देशों की रक्षा स्थिति पर ध्यान आकर्षित करके वायुसेनाप्रमुख यह सावधानी का इशारा दे रहे हैं।

‘हायब्रिड वॉरफेअर’भारत के पड़ोसी देशों में रक्षा व्यवस्था आदर्श कहलाने लायक नहीं है। इसका भारत की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है, इस पर वायुसेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही देश की आर्थिक प्रगति के साथ ही देश के लिए खतरे भी बढ़ रहे हैं, इसका स्पष्ट अहसास वायुसेनाप्रमुख ने इस दौरान कराया। यूक्रेन युद्ध से विश्व के सभी देशों को नुकसान पहुँचा है। कुछ देशों में महंगाई आसमान छू रही है और इससे इन देशों में राजनीतिक एवं आर्थिक अस्थिरता फैलती देखी जा रही है। इन सबमें भारत का अनोखापन पूरे विश्व में स्पष्टरूप से सामने आ रहा है और भारत जोरदार आर्थिक प्रगति कर रहा है, इस पर एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने ध्यान आकर्षित किया।

देश की यह प्रगति विश्व के प्रमुख सत्ता केंद्रों की आँखों में चुभ रही होगी और वे भारत के खिलाफ साज़िश रचे बिना नहीं रहेंगे, यह बात वायुसेनाप्रमुख ने सीधे ज़िक्र किए बिना रखी। देश के शत्रु आधुनिक तकनीक के अलावा ‘हायब्रिड वॉरफेअर’ की कक्षा में आनेवाले क्षेत्रों की काफी बड़ी क्षमता रखते हैं। इसका भारत के खिलाफ पूरी क्षमता से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत हायब्रिड युद्ध तंत्र का सामना करने के लिए तैयार रहे, यह वायुसेनाप्रमुख ने कहा।

देश आर्थिक प्रगति कर रहा है और सुरक्षा से जुड़ी आधुनिक तकनीक एवं अन्य ज़रूरी मुद्दों के निवेश पर इसका असर होना आवश्यक है, यह कहकर एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने इस मोर्चे पर काम शुरू होने की भी जानकारी साझा की। भारतीय वायुसेना को पारंपरिक और अपारंपरिक युद्धतंत्र के समावेश वाले खतरे का सामना करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी पडेगी क्योंकि, हम इस पर चर्चा कर रहें हैं तब नयी तकनीक, नई यंत्रणा और अलग तरह के युद्धतंत्र पर जोरदार काम जारी है। देश के शत्रु ने इसमें कुशलता पाई है। इस वजह से उन्हें परस्त करनेवाली अधिक प्रगत तकनीक हमें रखनी ही होगी, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने ड़टकर कहा।

आनेवाले समय में हम ‘नो वॉर नो पीस’ यानी युद्ध भी नहीं और शांति भी नहीं, ऐसी स्थिति में रह सकते हैं, इसकी पूर्व सूचना वायुसेनाप्रमुख ने दी। इससे पहले देश की सुरक्षा को होनेवाले खतरों पर बोलते हुए विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने लगभग इन्हीं शब्दों में सावधानी की चेतावनी दी थी। हायब्रिड युद्ध तकनीक में सीधे युद्ध का ऐलान किए बिना शत्रु की खामियों पर काम करके उसे परेशान करने की प्रगत तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए राजनीतिक स्तर के अभियान के साथ ही उस देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था बिगाड़ने की कुटिल योजनाओं का समावेश होता है। इसके लिए दुष्प्रचार का अभियान चलाना और उस देश का आत्मविश्वास तोड़ने की जोरदार कोशिश की जाती है। यह सबकुछ जारी रहने के दौरान इस देश को सैन्य स्तर पर नुकसान पहुँचाने की योजना गुप्त पद्धति से कार्यान्वित की जाती है। भारत के खिलाफ ऐसे हायब्रिड युद्धतंत्र का इस्तेमाल बहुत पहले ही शुरू हो चुका है, ऐसे स्पष्ट संकेत वायुसेनाप्रमुख के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

खास तौर पर भारत की आर्थिक प्रगति का दाखिला देकर इसे बर्दाश्त ना हो रहे विश्वभर के प्रमुख सत्ताकेंद्र भारत के खिलाफ अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसका वायुसेनाप्रमुख द्वारा कराया गया अहसास बड़ी अहमियत रखता है।

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