युरोप में कोरोना की नई लहर टकराई

जीनिवा/ब्रुसेल्स – यूरोप महाद्वीप में कोरोना की नई लहर टकराई है और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तेज़ी से गतिविधियां करनी चाहिएं, ऐसा इशारा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया है। पिछले डेढ महीने में यूरोप में कोरोना के मरीज़ों की संख्या तिगुनी बढने की ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ध्यान आकर्षित किया है। यूरोप महाद्वीप में पिछले सप्ताह ही कोरोना के लगभग 30 लाख मरीज़ पाए गए थे। ब्रिटेन समेत जर्मनी, फ्रान्स, इटली का सर्वाधिक मरीज़ों की संख्या दर्ज होनेवाले देशों में समावेश है।

पिछले ही सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इशारा दिया था कि, अभी भी संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। अमेरिका एवं यूरोप समेत विश्व के विभिन्न भागों में कोरोना के नए विस्फोट हो रहे हैं और यूरोप में इसकी तीव्रता बडी होने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने ध्यान आकर्षित किया। ‘कोरोना का नया विस्फोट यूरोप में टकराया है। यूरोप में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को यह विस्फोट रोकने के लिए तेज़ी से कदम उठाने चाहिएं। उपायों के लिए अगली ऋतु की राह देखने से बहुत देर हो चुकी है, ऐसा कहना पडेगा। यूरोप में कोरोना की स्थिति पिछले वर्ष की गरमियों के विस्फोट की तरह ही है’, इन शब्दों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप स्थित प्रमुख डॉक्टर हैन्स क्लूज़ ने आगाह किया।

विश्वभर के कोरोना मरीज़ों की संख्या 56 करोड़ पर पहुंच चुकी है और 63 लाख से अधिक इस संक्रमण से मृत हो चुके हैं। पिछले दो महीनों में अमेरिका, यूरोप समेत चीन, ऑस्टएलिया, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे राष्ट्रों में कोरोना के मरीज़ पुन: बढने लगे हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियों ने दी हुई जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में विश्वभर में 15 लाख से अधिक मरीज़ पाए गए हैं, तो लगभग तीन हजार लोगों की मृत्यु हो गई है। विश्वभर में पाए जाने वाले मरीज़ों में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यूरोपिय राष्ट्रों का होने की बात कही जा रही है।

पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया में तीन लाख से अधिक मरीज़ पाए गए और जनता को ‘वर्क फ्रॉम होम’ के निर्देश दिए गए हैं। चीन में हररोज पाए जानेवाले मरीज़ों की संख्या 400 तक पहुंच चुकी है और कुछ नए शहरों में लॉकडाऊन की घोषणा की गई। अमेरिका में कोरोना के मरीज़ों की संख्या डेढ लाख के करीब पहुंची है और मृतकों की संख्या 500 तक जा पहुंची है। वाईट हाऊस के ‘कोविड रेस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर’ डॉ. आशिष झा ने यह कहर ध्यान आकर्षित किया कि, कोरोनावायरस का अभी भी खतरा है और अमेरिका में ‘बीए डॉट5′ (BA.5) का संक्रमण सर्वाधिक है।

कई देशों ने शिथिल किए हुए आरोग्यविषयक तथा सामाजिक प्रतिबंध भी बढती हुई मरीज़ों की संख्या का महत्वपूर्ण कारण होने की तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ध्यान आकर्षित किया है।

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