कोरोना की महामारी का मूल चीन के वुहान लैब में ही – अमरिकी संसद की नई रपट का आरोप

वॉशिंग्टन – कोरोना महामारी का फैलाव चीन के वुहान लैब से ही शुरू हुआ, इस आरोप के साथ अमरीका की संसद ने नई रपट जारी की है। वुहान लैब में ही सुरक्षा में लापरवाही की कई घटनाएं पहले भी सामने आयी थीं और कोरोना विषाणु का फैलाव इसी लापरवाही का हिस्सा होने की बात अमरिकी सिनेट की नई रपट में कही गई है। अमरिकी यंत्रणाओं ने कोरोना महमारी की जांच में चीन के असहयोग की वजह से बाधाएं आईं, यह आरोप भी लगाया गया है।

वुहान लैबअमरीका ने कोरोना के फैलाव के लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहराने का पिछले तीन महीनों में यह तीसरा अवसर है। इससे पहले फ़रवरी में अमरीका के ऊर्जा विभाग ने अपनी रपट में कोरोना विषाणु का निर्माण और फैलाव वुहान लैब से ही होने का अनुमान लगाया था। इसके बाद मार्च में ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (एफबीआई) ने अपनी रपट में कोरोना महामारी की जड़ें चीन के वुहान लैब की दुर्घटना में होने की बात कही थी। अब अमरिकी संसद की रपट में भी वुहान लैब की ओर ही इशारा किया गया है। इससे कोरोना के उद्गम का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बनता जा रहा है।

रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर रिचर्ड बर की अध्यक्षता में बनाए गए दल ने कोरोना संबंधी रपट तैयार की है। ‘मडी वॉटर्स : द ओरिजिन ऑफ कोविड-१९’ नामक इस ३०० पन्ने की रपट में चीन के वुहान लैब में किए गए प्रयोग एवं जैव सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया गया है। चीन में कोरोना विषाणु पर अनुसंधान जारी था और वुहान लैब ही इसका केंद्र था, ऐसा दावा वर्णित रपट में किया गया है। कोरोना विषाणु का निर्माण कुदरती होने के कोई भी पुख्ता सबूत प्राप्त ना होने पर यह रपट ध्यान आकर्षित करती है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने खुलेआम कोरोना का ज़िक्र ‘वुहान वायरस’ एवं ‘चाइना वायरस’ कहकर ही किया था। यह विषाणु एवं फैलाव चीन से ही होने के मुद्दे पर ट्रम्प ने लगातार ध्यान आकर्षित किया था। लेकिन, तब डेमोक्रेटिक पार्टी, प्रसार माध्यम, अनुसंशोधक और सोशल मीडिया ने ट्रम्प के दावे खारिज किए थे।

वर्ष २०१९ के अन्त में वुहान शहर से फैली कोरोना की महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया था। इस महामारी की चपेट में आने से लगभग ७० लाख लोगों की मौत हुई है और कुछ देशों में अब भी कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले चीन ने इस मुद्दे पर नई रपट जारी की थी। इसमें चीन ने उन पर लगाए गए आरोप ठुकराए थे। लेकिन, चीन के इस रपट के बावजूद ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ ने चीन के अधिक सहयोग और खुलासे की ज़रूरत होने का बयान किया था।

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