कोरोना की नई महामारी के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन के तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना के ‘डेल्टा वेरियंट’ के संक्रमित और इनकी बढ़ती संख्या रोकने के लिए किए जा रहे प्रावधानों की वजह से चीन की अर्थव्यस्था की गिरावट के संकेत दिए गए हैं। ‘डेल्टा वेरियंट’ के विस्फोट को काबू करने के लिए चीन ने बीते वर्ष अपनाई ‘ज़ीरो कोविड स्ट्रैटजी’ पर फिर से अमल शुरू किया है। इसके तहत एक के बाद एक नए शहर में लॉकडाऊन शुरू किया जा रहा है और हवाई सेवा रद करने के साथ व्यापारी यातायात पर रोक लगाने के प्रावधान किए जा रहे हैं।

गिरावटअंतरराष्ट्रीय ‘गोल्डमन सैक्स’ ने अगली तिमाही के दौरान चीन का विकास दर गिरावट के साथ २.३ तक सीमित रहेगा, यह अनुमान जताया था। जे.पी.मॉर्गन ने भी नई तीमाही में चीन का विकास दर २ प्रतिशत रहेगा, यह अनुमान व्यक्त किया है। साथ ही वर्ष २०२१ का विकास दर भी ९ प्रतिशत से कम रहेगा, यह इशारा दिया गया है। अगले कुछ महीनो में स्थिति काबू में होगी, लेकिन इस महामारी को रोकने के लिए अपनाए गए प्रावधानों की वजह से माँग और सेवाक्षेत्र को नुकसान पहुँचेगा, यह दवा भी जे.पी.मॉर्गन ने किया है।

मॉर्गन स्टैनली के विश्‍लेषकों ने भी चीन का सालाना विकास दर कम होकर ८.२ तक सीमित रहने का अनुमान जताया है। बीते कुछ महीनों में चीन की अर्थव्यस्था के सामने एक के बाद एक नई समस्याएं उभर रही हैं और इसी बीच कोरोना का नया झटका इन समस्याओं की तीव्रता बढ़ानेवाला साबित होगा, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना है। कुछ दिन पहले चीन की कंपनियों के डूबे हुए कर्ज़ से संबंधित रपट सामने आयी है। पहले छह महीनों में नौं अरब डॉलर्स से अधिक कर्ज डूबने की बात कही गई है। यह नया कीर्तिमान होने का बयान अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं ने किया है।

चीन की हुकूमत ने निजी कंपनियों के खिलाफ शुरू की हुई कार्रवाई भी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसान पहुँचानेवाली साबित होने के संकेत दे रही हैं। इस कार्रवाई की वजह से निवेशकों में ड़र का माहौल है और बाज़ार को भी झटका लगा है, यह इशारा विश्‍लेषकों ने दिया है। चीनी कंपनियाँ और नागरिकों द्वारा कर्ज की माँग भी कम हुई है और इसका असर रोजगार एवं माँग पर होगा और इसके परिणाम स्वरूप आर्थिक क्षेत्र को भी नुकसान पहुँच सकता है, यह दावा भी किया गया है।

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