सुड़ान में गृहयुद्ध में मृतकों की संख्या २७० पर

  • युद्ध विराम के बावजूद अस्पतालों पर किए गए हवाई हमले
  • अंतरराष्ठ्रीय समुदाय ने युद्ध विराम के लिए किया नया आवाहन

खार्तूम – अमरीका ने सुड़ान में संघर्ष करने वाले गुटों के लिए प्रस्तावित किया २४ घंटे का युद्ध विराम शुरू होने से पहले ही यह कोशिश नाकाम हुई है। सुड़ान के गृहयुद्ध में अब तक २७० लोग मारे गए हैं और २,६०० घायल हैं। लेकिन, लगातार जारी हमलों के कारण मलबे के नीचे दबे हुए और सड़कों पर बिखरे हुए शवों की गिनती अभी हुई नहीं है। इसकी वजह से मृतकों की संख्या अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सेना और अर्धसैनिक बल एक-दूसरे के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं और अस्पतालों को भी इन हमलों से लक्ष्य किया जा रहा है। ऐसे में बड़ी ज़रूरत के बावजूद सुड़ान के ५० प्रतिशत अस्पताल और दवाखाने बंद पड़े हैं। ऐसे में घायलों का इलाज करने के लिए डॉक्टर्स की कमी महसूस हो रही है। इससे सुड़ान में मृतकों की संख्या बडी तज़ी से बढ़ेगी, यह चिंता जताई जा रही है।

गृहयुद्ध१५ अप्रैल को सुड़ान की सेना और अर्धसैनिक बलों में छिडा हुआ संघर्ष अधिक तीव्र हुआ है। अमरीका ने मध्यस्थता करके दोनों गुटों को युद्ध विराम के लिए तैयार किया था। इस दौरान सुड़ान में मानवीय सहायता पहुंचाना एवं विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश होनी थी। लेकिन, २४ घंटों का युद्धविराम एक घंटा भी नहीं चला। सुड़ान की सेना के लड़ाकू विमानों ने अर्धसैनिक बल के ठिकानों पर हवाई हमले करने के वीडियो सामने आए हैं।

अर्धसैनिक बल भी हेलिकॉप्टर्स से सेना के ठिकानों पर हमले कर रहा हैं। इन दोनों के हमलों में सैन्य ठिकानों के अलावा रिहायशी इलाके, अस्पताल भी लक्ष्य किए जा रहे हैं। सेनाप्रमुख जनरल बुरहान और अर्धसैनिक बल प्रमुख जनरल दागालो पीछे हटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। सुड़ान की सेना ने राजधानी खार्तूम के साथ अधिकांश क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्ज़ा करने का दावा पूर्व नौसैना अधिकारी कर रहे हैं। सुड़ान के सिर्फ दो हिस्से अर्धसैनिक बल के कब्ज़े में होने की बात यह सेवानिवृत्त नौसैना अधिकारी कह रहा है। साथ ही अर्धसैनिक बल के २० हज़ार सैनिकों ने सेना के सामने हथियार रखने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।

गृहयुद्धजनरल दागालो यह सारी खबरें खारिज कर रहे हैं। सेना के विरोध में यह संघर्ष सुड़ान की जनता के लिए है और इसमें हमारी ही जीत होगी, यह दावा जनरल दागालो कर रहे हैं। लेकिन, सेनाप्रमुख जनरल बुरहान अगले दो सालों में देश में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए तैयार थे और जनरल दागालो ने ही इसका विरोध किया था, इस पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसकी वजह से दो अहंकारी जनरल्स की कीमत सुड़ान की जनता चुका रही है, ऐसी आलोचना सुड़ान की जनता में जोर पकड़ रही है।

सुड़ान के इस गृहयुद्ध के लिए दो पड़ोसी देश ज़िम्मेदार होने का आरोप सेना लगा रही है। पड़ोसी अफ्रीकी देशों ने अर्धसैनिक बल को हथियारों की आपूर्ति की, यह आरोप सेना ने लगाया है। सुड़ान की सेना ने चाहे स्पष्ट जिक्र नहीं किया हो फिर भी इसके लिए चाड और सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक देश पर आशंका जताई जा रही है।

इसी बीच, सुड़ान का यह संघर्ष रोककर फिर से युद्ध विराम किया जाए, ऐसा आवाहन अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी एवं यूरोपिय देशों के साथ कैनाड़ा और दक्षिण कोरिया ने भी किया है। ऐसे में भारत ने सौदी अरब, यूएई जैसे अरब मित्रदेशों से चर्चा करके सुड़ान से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश शुरू की है। सुड़ान में फिलहाल कम से कम १,८०० से २,५०० भारतीय मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।

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