कोरोना के उद्गम स्थान की जाँच में जुटी ‘डब्ल्यूएचओ’ को बेचैन हुए चीन का इशारा

बीजिंग – कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान लैब में हुई, इस मुद्दे को दोबारा जाँचने के लिए चीन ने विरोध जताना शुरू किया है। इस मुद्दे को राजनीतिक उद्देश्‍यों के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना जताकर चीन ने जाँच से इन्कार करने के संकेत दिए हैं। कुछ दिन पहले ही ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना की उत्पत्ति की जाँच दोबारा शुरू करने का ऐलान किया था। इसके लिए विशेषज्ञों के दल का भी ऐलान किया गया है।

‘डब्ल्यूएचओ’‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करके कोरोना की खोज़ करने के लिए चीन का समर्थन है और चीन भी इसमें शामिल होगा। लेकिन, कोरोना की जाँच के मुद्दे का राजनीतिक स्तर पर इस्तेमाल करने के लिए चीन का पुख्ता विरोध है। ‘डब्ल्यूएचओ’, सलाहकारों का गुट एवं सभी संबंधित सच्चाई की बुनियाद और ज़िम्मेदार वैज्ञानिक नज़रिया का स्वीकार करें’, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने दिया। चीन के विदेश मंत्रालय का यह आक्रामक रवैया यानी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ द्वारा होनेवाली जाँच को विरोध जताने की कोशिश बताई जा रही है।

‘डब्ल्यूएचओ’ के दल ने जनवरी और फ़रवरी में चीन के वुहान की यात्रा की थी। इसके बाद मार्च के अन्त में रपट जारी की गई थी। इस रपट में ‘वुहान लैब’ और कोरोना के ताल्लुकातों से इन्कार किया गया था। उस समय ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने भी इसका समर्थन किया था। यह रपट जारी होने से पहले भी वह लगातार चीन के पक्ष में खड़े हुए सामने आए थे। इससे ‘डब्ल्यूएचओ’ की काफी आलोचना हुई थी। इस संगठन ने चीन की कठपुतली बनकर काम करके यह रपट पेश की, ऐसी आलोचना स्वास्थ्य एवं अनुसंधान के क्षेत्र से होने लगी थी।

‘डब्ल्यूएचओ’इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बदलने लगा। अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ विश्‍व के प्रमुख देशों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन में ही होने का आरोप लगाना शुरू किया। अमरीका के कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी एवं वैज्ञानिकों ने वुहान लैब की ओर ही इशारा किया। चीन से बाहर निकली एक वैज्ञानिका ने भी अपने पास इसके सबूत होने का ऐलान किया था। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमरिकी यंत्रणाओं को ‘वुहान लैब लीक’ की जाँच करके रपट पेश करने के आदेश दिए थे। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का मुद्दा उठा है।

इस दबाव के बाद जुलाई में ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने ही चीन से वर्णित जाँच करने की अनुमति प्रदान करने की माँग की। चीन ने अधिक पारदर्शिता और खुलापन अपनाकर कोरोना की महामारी के शुरू के दौर का ‘रॉ डेटा’ संगठन को प्रदान करे, यह भी संगठन ने कहा है। इसके बाद ‘वुहान लैब थिअरी’ से पूरी तरह से इन्कार करना मुमकिन नहीं होगा और इसकी फिर से जाँच हो सकती है, यह संकेत भी दिए गए।

लेकिन, चीन ने इसका लगातार विरोध किया है। कुछ देश कोरोना की उत्पत्ति के मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं और चीन को इस बात की चिंता सता रही है’, इन शब्दों में चीन ने पहली माँग ठुकराई थी। इसके बाद अगस्त में चीन के मंत्री ने पहली रपट रद करने के लिए चीन का विरोध होने का बयान करके नई जाँच करने से विरोध दर्शाया था। अब जाँच के लिए नए दल का ऐलान होने के बाद फिर से राजनीतिक उद्देश्‍यों का कारण आगे करके चीन ने इन्कार की घंटी बजाना शुरू किया है। इस वजह से कोरोना की उत्पत्ति के बारे में सबकुछ ठीकठाक ना होन की आशंका को अधिक बल प्राप्त होता दिखाई दे रहा है।

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