स्वीडन में शरणार्थियों के अनियंत्रित झुंडों के कारण गृहयुद्ध शुरू होगा – स्वीडीश उद्योजक लेफ ऑस्टलिंग की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरस्टॉकहोम: स्वीडन की सरकार ने शरणार्थियों के झुंडों का ही ध्यान रखकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करना बंद नही किया तो अगले कुछ वर्षों में स्वीडन में गृहयुद्ध शुरू होगा, यह कडी चेतावनी स्वीडन के नामांकित उद्योजक लेफ ऑश्टलिंग ने दी है| स्वीडीश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में क्षमता से भी अधिक शरणार्थियों को पनाह दी है और यह शरणार्ती स्वीडीश समाज के साथ एक होने में असफल हुए है, यह दावा भी ऑस्टलिंग ने किया|

स्वीडन की जनसंख्या करीबन करोड है और पिछले चार वर्षों में इस देश में तीन लाख से भी अधिक शरणार्थी पहुंचे है| यह सभी शरणार्ती खाडी एवं अफ्रीकी देशों से यहां पर पहुंचे है और स्वीडन के शहरों में इनकी मौजुदगी काफी बढ रही है| पिछले कुछ वर्षों में स्वीडन में हिंसा और अपराध की मात्रा भी बढी है और इन घटनाओं में प्रमुखता से शरणार्थियों का ही हाथ होने की बात स्पष्ट हुई है|

इस पृष्ठभूमि पर स्वीडन के स्थानिय नागरिकों में असंतोष बढ रहा है और उद्योग क्षेत्र भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करने लगा है| कुछ महीनों पहले स्वीडन की प्रमुख कंपनीवोल्व्होके प्रमुख ने देश के शरणार्थियों के झुंड और बढे अपराधिक मामलों के विरोध में आक्रामकता के साथ अपनी भूमिका रखी थी| झुंड और इससे बढे अपराधिक मामलों में कमी नही हुई तो स्वीडन की कंपनियों का मुख्यालय देश के बाहर लेने जाने के लिए विवश होंगे, यह चेतावनीवोल्व्होके प्रमुख हैकन सैम्युअलसन ने दी थी|

इसके बाद अबस्कैनिआकंपनी के भूतपूर्व प्रमुख और स्वीडन के उद्योजकों की संगठन के भूतपूर्व अध्यक्ष ऑस्टलिंग ने शरणार्थियों के विरोध में कडी नाराजगी व्यक्त की है| साथ ही उन्होंने स्वीडीश सरकार की निती पर भी आलोचना की है| स्वीडन की सरकार स्थानिय लोगों से भी अधिक शरणार्थियों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दे रही है और यह बात काफी खतरनाक है, यह इशारा ऑस्टलिंग ने दिया है|

स्वीडन में पहुंच रहे शरणार्थियों को स्थानिय संस्कृति और मुल्यों की पहचान करवाने की जरूरत है| यह करने के लिए कई वर्षों का समय लग सकता है| स्वीडीश समुदाय ने जो भी मुल्य छोड दी है इसी का लाभ शरणार्थी उठा रहे है| ऐसा ही होता रहा तो स्वीडन की स्थिति नियंत्रण से बाहर होगी और देश के अलग अलग हिस्सों में अंतर्गत संघर्ष शुरू होगा, यह इशारा ऑस्टलिंग ने दिया है|

पिछले कुछ वर्षों में स्वीडन में शरणार्थियों की संख्या बढने से देश के कुछ हिस्सों मेंनो गो झोन्सतैयार होने के दावे प्रसार माध्यम कर रहे है| इननो गो झोन्समें शरणार्थियों के अलावा अन्य कोई भी सुरक्षित नही रह सकता| ऐसे हिस्सों का विस्तार हो रहा है और इस वजह से स्वीडन के कुछ शहर काफी असुरक्षित बने है|

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