भारत और जर्मनी के बीच हुए १७ समझौते

नई दिल्ली: जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल भारत की यात्रा पर पहुंची है| उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और जर्मनी के बीच सहयोग बढाने के लिए १७ समझौते किए गए| इनमें कृषी, समुद्री तकनीक, आयुर्वेद और योग, विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र सं जुडे अनुसंधान से जुडे सहयोग में बढोतरी करने किए समझौते का समावेश है| आतंकवाद एवं चरमपंथ के विरोध में भारत और जर्मनी अपना सहयोग और भी मजबूत करेंगे, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान किया|

भारत और जर्मनी के बीच में पांचवीइंटर गव्हर्नमेंटल कन्सल्टेशन्सबातचीत शुरू हुई है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चान्सेलर एंजेला मर्केल की मौजुदगी में दोनों देशों के बीच १७ समझौते किए गए| वर्ष २०२२ तक नए भारत का निर्माण किया जा रहा है| इस नए भारत के निर्माण के लिए आर्थिक एवं तकनीकी क्षेत्र केपावरहाउसहोनेवाली जर्मनी अहम भूमिका निभा सकती है, यह विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया| उत्तर प्रदेश और तमिलनाडू में विकसित हो रहेडिफेन्स कॉरिडॉरमें जर्मनी निवेष करें, यह निवेदन भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया|

डिजिटल व्यवहारों को गति देने के साथ स्मार्ट सिटी, नदियों की सफाई एवं पर्यावरण संबंधी मुहीम में जर्मनी यकिनन भारत की बडी सहायता कर सकती है, यह विश्वास भी प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है| भारत और जर्मनी के संबंध दोनों देशों के मजबूत जनतंत्र के बलबूते पर खडे है| कई जागतिक समस्या और मुद्दों पर भारत एवं जर्मनी की भूमिका एक है| संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायि सदस्यता के लिए जर्मनी ने समर्थन दिया है, इसका दाखिला देकर प्रधानमंत्री मोदी ने इस समर्थन पर जर्मनी के प्रति आभार व्यक्त किया| साथ ही भारत और जर्मनी ने आतंकवाद औड़ चरमपंथ के विरोध में सहयोग मजबूत करने का तय किया है, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री ने किया|

भारत और जर्मनी में हुए समझौते दोनों देश प्रगत तकनीक के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए तैयार होने की बात दिखा रहे है| अतिप्रगत तकनीक, जी और आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के क्षेत्र की चुनौतियां ध्यान में रखकर इस मोर्चे पर भारत और जर्मनी ने सहयोग करना काफी अहम होगा, ऐसा चान्सेलर मर्केल ने कहा| भारत पहल कर रहा है, ऐसी नई परियोजनाओं का हिस्सा होने के लिए जर्मनी काफी उत्सुक है, ऐसा चान्सेलर मर्केल ने आगे कहा| पिछले कई वर्षों से जर्मनी और भारत एक दुसरे से सहयोग कर रहे है| अगले दिनों में और भी मजबूत और व्यापक होगा, यह भरौसा भी चान्सेलर मर्केल ने इस दौरान व्यक्त किया|

इस दौरान, यूरोपिय महासंघ से ब्रिटेन बाहर निकलना तयह हुआ है औरब्रेक्जिटपर दोनों दलों में समझौता होकर अल होगा या इस मुद्दे पर ब्रिटेन और महासंघ में संघर्ष होगा, यह बात अभी स्पष्ट नही हुई है| ऐसी अनिश्चितता के स्थिति में यूरोपिय देश है और जर्मनी एवं फ्रान्स जैसे यूरोपिय महासंघ के बडे देश भी बेचैन हुए है|

ऐसी स्थिति में भारत और चीन के साथ आर्थिक, सियासी एवं सामरिक स्तर पर सहयोग बढाकर जर्मनी और फ्रान्स इस अनिश्चितता से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे है| ऐसे में भी अमरिका और चीन का व्यापार युद्ध अभी खतम हुआ नही है और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आर्थिक अहमियत और भी बढी है| इस वजह यूरोपिय देश भारत के साथ सहयोग करने के लिए खास अहमियत दे रहे है| जर्मन चान्सेलर मर्केल की इस भारत यात्रा से यह बात नए से स्पष्ट हुई है|

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