पैलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष ने ज्यू धर्मीयों पर किये विवादीत विधान का दुनियाभर से निषेध

जेरूसलम: दूसरे महायुद्ध में ज्यू वंश संहार के लिए ज्यू लोगों का सामाजिक बर्ताव और उनकी एकाधिकारशाही जिम्मेदार थी, ऐसा विवादास्पद विधान पैलेस्टाईन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने किया है। तथा यूरोप में ज्यू धर्मीय लोगों का इस्राइल से कोई संबंध ना होने का और एक सनसनीखेज दावा राष्ट्राध्यक्ष अब्बास ने किया है। इस पर इस्राइल, अमरिका के साथ दुनिया भर से कड़ी प्रतिक्रिया उमड़ रही है। इस दौरान, इस्राइल में स्थित अमरिका के राजदूत डेविड फ्रीडमन ने, इस्राइल की वजह से इस क्षेत्र में शांति नहीं है ऐसा आरोप करनेवाले, अब्बास इनके शब्दों की तरफ ध्यान दें ऐसी मांग की है।

ज्यू धर्मीयों, विवादीत विधान, पैलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष, महमूद अब्बास, दुनियाभर से निषेध, जेरूसलम, इस्राइलपैलेस्टाईन के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सामने बोलते हुए राष्ट्राध्यक्ष अब्बास ने यह विवादास्पद विधान किया है। दूसरे महायुद्ध के समय में ज्यू धर्मियों का वंश संहार हुआ, इसके पीछे का कारण ज्यू धर्मियों का द्वेष नहीं था। तथा ज्यू धर्मियों का सामाजिक बर्ताव और उनकी एकाधिकारशाही इस वंश संहार के लिए जिम्मेदार थी, ऐसा पैलेस्टाईन के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है। तथा कॉलोनीवादी शक्ति ने अपने स्वार्थ के लिए इस्राइल का निर्माण किया है, ऐसा आरोप करके इस देश के निर्माण का ज्यू धर्मीय के इतिहास से कोई भी संबंध नही है, ऐसा दावा अब्बास ने किया है। यूरोप से इस्राइल में आए हुए ज्यू धर्मीय इस्राइल के मूल निवासी होनेवाले ज्यू धर्मियों के वंशज नहीं है, ऐसा अब्बास ने आगे कहा है।

दूसरे महायुद्ध के समय में हिटलर ने किए लगभग ६० लाख ज्यू धर्मियों के कत्ल पर ऐसी असंवेदनशील प्रतिक्रिया देनेवाले पैलेस्टाईन के राष्ट्राध्यक्ष के विरोध में दुनिया भर से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है। अमरिका ने इस्राइल-पैलेस्टाईन शांति चर्चा के लिये नियुक्त किए विशेष दूत जैसन ग्रीनब्लैट ने अब्बास का यह विधान अत्यंत खेदजनक होने का आरोप करके उनका कड़े शब्दों में निषेध व्यक्त किया है। ऐसे विद्वेष के नींव पर शांति प्रक्रिया खड़ी नहीं हो सकती, ऐसा ग्रीनब्लैट ने आगे कहा। तथा, इस क्षेत्र में शांति नहीं है इसका कारण इस्राइल है, ऐसा माननेवाले इन विधानों पर ध्यान देकर विचार बदले, ऐसी टिप्पणी इस्राइल में अमरिका के राजदूत फ्रीडमैन ने लगाई है।

इस्राइल के माध्यमों ने अब्बास की आलोचना शुरू की है और ऐसे विधान करनेवाले नेताओं के हाथ शांति चर्चा का भविष्य है, यह अत्यंत खेदजनक बात है, ऐसा कहा है। इससे पहले भी पैलेस्टाईन के अब्बास ने दूसरे महायुद्ध के दौरान हुए ज्यू वंश संहार से इंकार किया था, इसकी याद इस्राइल के माध्यम दिला रहे हैं। केवल इस्राइल ही नहीं तो पैलेस्टाईन के कई गटों ने भी राष्ट्राध्यक्ष अब्बास ने किया विधान मंजूर न होने की बात कहकर नाराजगी जताई है। दुनिया के सामने पैलेस्टाईन के न्याय मांगे प्रस्तुत करें और वह छोड़कर ऐसे गैर जिम्मेदाराना विधान अब्बास ना करें, ऐसा पैलेस्टाईन के गटने सूचित किया है।

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