चीन के १२ विमानों की ताइवान की सीमा में घुसपैठ – ताइवान द्वारा ‘मिसाइल सिस्टम’ तैनात

ताइपे/बीजिंग – बीते दो दिनों के दौरान चीन के १२ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश करने की घटना सामने आयी है। चीन की इस घुसपैठ के खिलाफ ताइवान ने ‘मिसाइल सिस्टम’ की तैनाती करने की बात भी सामने आयी है। चीन के लड़ाकू विमानों को अब सीधे ताइवान की सीमा में घुसपैठ करनी पड़ेगी, ऐसी आक्रामक सलाह चीन के सरकारी मुखपत्र ने हाल ही में दी थी। इस पृष्ठभूमि पर घुसपैठ में हुई बढ़ोतरी ध्यान आकर्षित कर रही है।

china-12-plane-taiwan-invasion-1सितंबर शुरू होने के बाद चीन ने ताइवान के खिलाफ ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की तीव्रता अधिक बढ़ाने की बात सामने आ रही है। बीते १६ दिनों में चीन के विमानों ने १५ बार घुसपैठ की है और ३ सीतंबर से चीन के विमानों ने रोज़ाना ताइवान की सीमा में प्रवेश करने की बात भी सामने आयी है। बुधवार और गुरूवार के दिन चीन के १२ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की है। बुधवार के दिन नौं और गुरूवार के दिन तीन विमानों ने घुसपैठ करने की जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने प्रदान की।

बुधवार के दिन घुसपैठ करनेवाले विमानों में ‘शेनयांग जे-१६ फायटर जेटस्‌’ (६), ‘शांक्सी वाय-८एण्टी सबमरिन एअरक्राफ्ट’, ‘शांक्सी वाय-८ रिकनेसन्स एअरक्राफ्ट’ और ‘केजे-५०० एअरबोर्न अर्ली वॉर्निंग ऐण्ड कंट्रोल एअरक्राफ्ट’ का समावेश था। इसके अलावा गुरूवार के दिन घुसपैठ करनेवाले चीनी विमानों में दो ‘शेनयांग जे-१६ फायटर जेटस्‌’ समेत एक ‘शांक्सी वाय-८ इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर एअरक्राफ्ट’ का समावेश था। चीन की इस घुसपैठ को रोकने के लिए रेडियो वॉर्निंग जारी करने के साथ ही ‘मिसाइल सिस्टम’ तैनात करने की जानकारी भी ताइवान ने साझा की।

china-12-plane-taiwan-invasion-2ताइवान के रक्षाबलों का व्यापक युद्धाभ्यास जारी है और इसी दौरान चीन के विमानों ने इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठ करना ध्यान आकर्षित करता है। चीन के सरकारी मुखपत्र ने कुछ दिन पहले ही ताइवान की आक्रामक नीति पर प्रत्युत्तर देने के लिए अब सीधे ताइवान की सीमा में चीनी लड़ाकू विमानों को रवाना करना पड़ेगा, यह इशारा दिया था। चीन ने ताइवान की जनता के प्रति सदिच्छा के तौर पर इस तरह की हरकत नहीं की थी, लेकिन अब उन्हें चीन की संप्रभूता दिखाना ज़रूरी है, यह इशारा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दिया था।

ताइवान के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अधिक आक्रामक भूमिका अपना रहा है और इस वजह से चीन की हुकूमत बौखलाई हुई है। इसी वजह से ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल करके ताइवान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। वर्ष २०१० के दशक से चीन ने ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल शुरू किया है और विमानों के साथ ही सैंकड़ों हथियारबंद मछुआरों के जहाज़ों के समावेश वाले ‘नेवल मिलिशिया’ का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। तावाइन के रक्षाबलों को परेशान करके हमेशा दबाव बनाए रखना और कमज़ोर करना ही इसका प्रमुख उद्देश्‍य समझा जा रहा है।

कुछ दिन पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने प्रसिद्ध की हुई एक रपट में चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ताइवानी रक्षाबलों की सभी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया था।

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