चीनी सेना ने ताइवान को युद्ध अभ्यास से घेरा

ताइपे – चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ के ३२ विमान और नौ विध्वसकों ने ताइवान की खाड़ी में युद्ध अभ्यास किए। ताइवान के पूर्व, उत्तर एवं पश्चिमी सीमा के करीब किए गए इन युद्ध अभ्यास से ताइवान घेरा गया। चीन का ऐसे युद्ध अभ्यास करना ताइवान को दी हुई चेतावनी होने का दावा किया जा रहा है। कुछ घंटे पहले ही अमरीका ने ताइवान के लिए ५० करोड़ डॉलर के शस्त्र सहायता का ऐलान किया था। इसके बाद चीन यह युद्ध अभ्यास करके ताइवान के साथ अमरीका को भी आगाह करता दिखाई दे रहा हैं। 

युद्ध अभ्यासताइवान की वायु सेना के बेड़े में मौजूद लड़ाकू ‘एफ-१६’ विमानों के लिए अमरीका ने ‘इंफ्रारेड सर्च ॲण्ड ट्रैक सिस्टिम’ के साथ कुछ सैन्य उपकरण सहायता के रूप में देने को मंजूरी प्रदान की है। अमरिकी विदेश मंत्रालय ने इस ५० करोड़ डॉलर की सहायता का ऐलान किया था। ताइवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने अमरीका का शीघ्र दौरा करने के बाद इस शस्त्र सहायता की घोषणा की गई है।

इससे गुस्सा होकर चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमरीका की बड़ी आलोचना की थी। चीन के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप करने का घृणास्पद कृत्य अमरीका कर रही हैं, ऐसा आरोप चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झैन्ग शियागॉन्ग ने लगाया था। इसके ज़रिये अमरीका ने ‘वन चाइना पॉलिसी’ का उल्लंघन किया है, ऐसी आलोचना झैन्ग ने की थी। साथ ही ताइवान की स्वतंत्रता की कोशिश में लगे गुटों के समर्थन में अमरीका खड़ी न हो, ऐसी चेतावनी भी झैन्ग ने दी है। 

युद्ध अभ्यासइसके कुछ घंटे बाद ही चीन के ३२ लड़ाकू विमान, बॉम्बर और ड्रोन ने ताइवान की खाड़ी में प्रवेश किया। इनमें से २० विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा निर्धारित करने वाली ‘मिडियन लाइन’ को भी पार किया। इसी दौरान चीन के नौ विध्वंसकों ने भी ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ करने का आरोप ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने लगाया है। चीन के विमान और विध्वंसकों की यह घुसपैठ करीबन चौबीस घंटे शुरू थी। इस दौरान चीन के विमानों ने ताइवान को पूर्वीय सीमा से भी घेर रखा था।

आगे के समय में युद्ध शुरू हुआ तो ताइवान को घेरने की तैयारी रखने के संकेत चीन ने इस युद्ध अभ्यास के ज़रिये दिए हैं। अमरीका या किसी भी अन्य देश ने ताइवान के बचाव की कोशिश की तो चीन उसे कामयाब नहीं होने देगा, ऐसी चेतावनी चीन देता दिख रहा हैं। साथ ही ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन की जनतांत्रिक सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन इस तरह के अभ्यास की तीव्रता बढ़ा रहा हैं, यह दावा भी किया जा रहा है।

अगले साल ताइवान में राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए चुनाव का आयोजन होगा। इंग-वेन की राष्ट्रवादी पार्टी की लोकप्रियता काफी बड़ी हैं और उस चुनाव में भी उन्हीं की सरकार बनेगी, ऐसी संभावना भी जताई जा रही हैं। ऐसा हुआ तो वह चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के हित में नहीं होगा। ऐसी स्थिति में ताइवान की जनतांत्रिक सरकार को दबाव में रखने के लिए चीन ऐसे युद्ध अभ्यास का आयोजन करता दिख रहा हैं।

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