चीन के महत्वकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ को गतिरोध – अभ्यासको का दावा

बीजिंग: चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इनके चीन को महासत्ता बनाने की महत्वकांक्षा का भाग होनेवाला ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना गतिरोध होने का दावा अभ्यासको से किया जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंगने ४ वर्षों पहले इस योजना की घोषणा करने के बाद, चीनी कंपनियोंने विभिन्न देशों में प्रकल्प शुरू करने की गति बढ़ाई थी। पर इन अनेक प्रकल्पों में नए-नए बाधाएं सामने आ रही है। जिसकी वजह से वन बेल्ट वन रोड को सफलता मिलने की आशा कम होती दिखाई दे रही है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने सितंबर २०१३ में वन बेल्ट वन रोड इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी। इसमें चीन को उत्तर पूर्व देशों से सीधे यूरोपीय खंड तक जोड़ने वाले सैकड़ों परियोजनाओं का समावेश था। चीन का व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़ाने के लिए, इस योजना के अंतर्गत राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंगने गतिमान कदम उठाए थे। वन बेल्ट वन रोड यह परियोजना पूर्ण करने के लिए लगभग ४ से ८ लाख करोड डॉलर्स इतनी बड़ी तादाद में खर्च होगा, ऐसा विश्लेषकोंने दावा किया था।

‘वन बेल्ट वन रोड’, गतिरोध, जिनपिंग, चीन, निर्माण, बीजिंग, अफगानिस्तानपिछले ४ वर्षों में चीन ने उत्तर पूर्व आशिया, दक्षिण आशिया, मध्य आशिया, अफ्रीका तथा यूरोप खंड के अनेक प्रकल्प हाथ लिए थे। बहुत ज्यादा शोरगुल करके शुरू किए इस प्रकल्पों को अब झटका लगने की बात सामने आ रही है। वन बेल्ट वन रोड के अंतर्गत इंडोनेशिया में शुरू हुए हायस्पीड रेल्वे प्रकल्प का उद्घाटन होकर २ वर्ष हुए हैं, फिर भी अब तक उसके ट्रैक का काम शुरू नहीं हुआ है। प्रकल्प के लिए जगह देने के लिए स्थानिय नागरिकोंने विरोध किया है और सन २०१९ तक पूर्ण करने का आश्वासन दिये इस प्रकल्प का अपडेट देने के लिए चीनी कंपनियोंने इनकार किया है।

इंडोनेशिया की तरह चीन सिंगापुर हायस्पीड रेल्वे प्रकल्प भी विवाद के घेरे में आया है। इस प्रकल्प में थायलैंड के भाग से जाने वाले मार्ग में बाधा आ रही है। निवेश एवं मजदूर कानून के अंतर्गत बाधाओं की वजह से ५ अब्ज डॉलर्स का यह प्रकल्प केवल तीन महीनों में लगभग शुरू होने की बात सामने आई है। लाओस मे चीन ५.८ अब्ज डॉलर्स का खर्च करके रेल मार्ग निर्माण कर रहा है और उसपर विरोधी पक्ष एवं स्थानीय लोगोंने आक्षेप लिया है। क्या यह प्रकल्प यकीनन इस देश के हित के लिए है? ऐसा सवाल लाओस की जनता से लगातार किया जा रहा है।

उत्तर पूर्व आशिया के साथ, मध्य एवं दक्षिण आशिया में वन बेल्ट वन रोड के परियोजनाओं को झटका लग रहा है। कजाखस्तान सीमा पर चीन ने निर्माण की फ्री ट्रेड झोन असफल होने की टीका इस भाग के चीनी व्यापारी कर रहे हैं। उसी समय इस क्षेत्र में कजाकिस्तान के भाग में काम रुकने की जानकारी भी सामने आई है। उज्बेकिस्तान तथा अफगानिस्तान को जोड़ने वाले रेल प्रकल्प को भी किर्गिझीस्तान के सरकार से विरोध शुरु हुआ है। तथा पाकिस्तान के साथ ‘चायना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ को अमरिका एवं भारत के साथ बलूचिस्तान प्रांत की जनताने भी कड़ा विरोध दर्शाया है।

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