साद हरिरी सऊदी की गिरफ्त में – अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था का दावा

बैरूत: सऊदी अरेबिया ने प्रधानमंत्री साद अल-हरिरी और परिवारवालों को कब्जे में लेकर साद को प्रधानमंत्री पद का इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है। लेबनॉन में स्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ कारवाई करने के लिए इंकार करने की वजह से सऊदी ने साद को गिरफ्तार किया है, ऐसी खबर एक अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने दी है। साद हरिरी के नजदीकियों ने दी हुई जानकारी के आधार पर अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने यह खबर प्रसिद्ध की है।

दो हफ़्तों पहले लेबनॉन के प्रधानमंत्री साद ने सऊदी का दौरा किया था। उस समय सऊदी की गुप्तचर यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारी और ‘गल्फ अफेयर्स विभाग’ के मंत्री थामेर अल-सभान ने साद का स्वागत किया था। इस सऊदी दौरे के बाद प्रधानमंत्री साद खुश दिखाई दे रहे थे, ऐसा दावा साद के निकटवर्तीयों ने वृत्तसंस्था के साथ बोलते समय किया है। लेकिन उसके बाद साद की सऊदी की भेंट में बहुत ही विचित्र घटनाएं घटी, ऐसा दावा संबंधितों ने किया है।

साद हरिरी, गिरफ्तार, लेबनॉन, इस्तीफा, आरोप, सऊदीपिछले हफ्ते २ नवम्बर की रात सऊदी के राजा सलमान ने प्रधानमंत्री साद को फोन पर सम्मन घोषित करके मिलने के लिए बुलाया। साद के स्वागत के लिए रियाध हवाई अड्डे पर राजघराने के सदस्य अथवा राजनितिक अधिकारी उपस्थित नहीं थे। ऐसा लेबनॉन के वरिष्ठ नेता और सुरक्षा अधिकारीयों ने कहा है। हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री साद रियाध में स्थित अपने निवास स्थान पर जाने के बाद उनका मोबाइल छीन लिया गया और दूसरे दिन साद ने इस्तीफा पढ़ के दिखाया।

इस्तीफा देने से पहले साद ने सऊदी के उत्तराधिकारी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। इस मुलाकात के अगले चार घंटों के बाद साद ने अपना इस्तीफा घोषित किया। अपने इस इस्तीफे के लिए लेबनॉन की राजनीती में ईरान का हस्तक्षेप जिम्मेदार होने की बात साद ने कही है। लेकिन साद के इस इस्तोफे के पीछे सऊदी होने का दावा निकटवर्ती कर रहे हैं।

साद हरिरी, गिरफ्तार, लेबनॉन, इस्तीफा, आरोप, सऊदीसाद लेबनॉन में हिजबुल्लाह पर कारवाई करे, ऐसी सऊदी ने मांग की थी। लेकिन साद ने इन्कार करने के बाद सऊदी ने उनपर इस्तीफे के लिए दबाव डाला और उनको गिरफ्तार करने का दावा लेबनीज नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था के साथ बोलते समय किया है। लेबनॉन के प्रधानमंत्री पद पर साद के भाई ‘बाहा हरिरी’ को नियुक्त करने के लिए सऊदी ने तैयारी शुरू की है। बाहा हरीरी सऊदी के राजघराने के मर्जी में हैं, ऐसा कहा जाता है। साद का परिवार बाहा के नेतृत्व को समर्थन दे, इसके लिए सऊदी ने दबाव डालने का आरोप साद के समर्थक कर रहे हैं। लेकिन बाहा का नेतृत्व लेबनॉन के कुछ नेताओं ने अमान्य किया है।

दौरान, साद ने अपने पद का इस्तीफा देने के बाद वह सऊदी छोड़कर लेबनॉन में क्यों नहीं लौटे, इसका सऊदी जवाब दे, ऐसी मांग लेबनॉन के राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एओन ने की है। उसीके साथ ही साद का सऊदी ने अपहरण करने का आरोप करके सऊदी उनको रिहा करे, ऐसी मांग भी लेबनॉन के राष्ट्राध्यक्ष ने की है।
पिछले कुछ दिनों से लेबनॉन से हो रहे इन आरोपों को सऊदी ने अस्वीकार किया है।

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