अल्पसंख्यांक उघुरवंशियों को लक्ष्य करने के लिए चीन ने किया ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का इस्तेमाल – अमरिकी समाचार पत्र का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बीजिंग – ‘फेशिअल रेकग्निशन’ तकनीक मानवी समाज की बुनियादी स्वतंत्रता का उल्लंघन करनेवाली साबित हो सकती हैं और इस तकनीक का उपयोग कर बहुत बड़ी व्याप्ति होने वाली सामूहिक निगरानी शुरू हो सकती है’, ऐसी चेतावनी कुछ ही महीनों पहले सूचना तंत्रज्ञान क्षेत्र की विश्व की सबसे उच्चतर कंपनी के रूप में पहचानी जाने वाली ‘मायक्रोसॉफ्ट’ के प्रेसिडंट से दी गई थीं| ‘आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स’ अर्थात ‘कृत्रिम बुद्धि’ के साथ सभी तंत्रज्ञानों में पश्चिमी देशों से आगे निकल जाने की महत्वाकांक्षा रखनेवाले चीन ने यह बात वास्तव में उतारने की चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा हुआ हैं| अपने ही देश में अल्पसंख्यक होने वाले उघुरवंशी इस्लामधर्मियों की निगरानी करने के लिए चीन ने ‘फेशिअल रेकग्निशन’ का उपयोग शुरू कर दिया हैं|

अमरिका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने इस बारे में वृत्त प्रसिद्ध करते हुए उसमें चीन के एक शहर में स्थानीय यंत्रणा से लगभग पांच लाख बार ‘फेशिल रेकग्निशन’ तंत्रज्ञान का उपयोग होने की जानकारी दी गई हैं| इससे पहले ‘झिजिंआंग’ प्रांत के लगभग ११ लाख अल्पसंख्यक उघुरवंशियों को ‘छावनीयों’ में रखने के मुद्दे पर चीन के कम्युनिस्ट शासन की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की थीं| अमरिका ने ‘उघुरवंशीयों’ पर की कार्रवाई का मुद्दा अमरिका-चीन संबंध बिगाड़ ने वाला साबित हो सकता हैं, ऐसा भी सूचित किया था| परंतु उसके पश्चात भी चीन के शासक मुंहजोरी से अपने ही नागरिकों के विरोध में निगरानी के लिए प्रगत तकनीक का आधार लेने का खुलासा हुआ हैं|

चीन के शासन से उघुर तथा अन्य वंश के इस्लामधर्मियों को देशद्रोही के रूप में देखा जाता हैं| उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए चीन ने पिछले कुछ वर्षों से ‘झिजिंआंग’ और आसपास के विभाग में लष्करी तैनाती बड़ी तादाद पर बढ़ाते हुए इस विभाग में ‘सीसीटीवी’ कैमरे और अन्य सुरक्षाविषयक परियोजनाओं का प्रवर्तन शुरू किया हैं| इसके पश्चात सत्ताधारी शासन ने लगभग ११ लाख जासूस तैनात करने का खुलासा हुआ था|

इन सभी बातों के लिए चीन ने लगातार आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा का कारण प्रस्तुत किया हैं| इस पर आलोचना होते हुए भी चीन के सत्ताधारी शासन ने अभी सीधे प्रगत तकनीक का आधार लेते हुए देशभर में निगरानी शुरू कर दी हैं|

चीन के स्थानीय सूत्र तथा विभिन्न प्रलेखन और इंटरव्यू के आधार पर उघुरवंश के खिलाफ नई कार्रवाई का पर्दाफाश हुआ हैं| उघुरवंश के लोगों का पोशाक और चेहरे से उनकी जानकारी इकट्ठा की गई हैं| यह जानकारी देश भर की सुरक्षा यंत्रणाओं के नेटवर्क में शामिल करके प्रगत कैमरे और तकनीक के सहयोग से उसका भारी मात्रा में उपयोग शुरू हो गया हैं|

लगभग एक करोड़ से अधिक उघुरवंशियों की जानकारी चीन की यंत्रणा ने इकट्ठा की है और देश के किसी भी कोने की सुरक्षा यंत्रणा तकनीक के जोर पर उन पर निगरानी रख सकती हैं, ऐसी चौका देने वाली बात का खुलासा हुआ हैं|

मायक्रोसॉफ्ट के प्रमुख ने दी चेतावनी के अनुसार ही चीन के सत्ताधारियों ने तकनीक का ‘नस्लीय घृणा’ के लिए उपयोग शुरू करने की बात अमरिकी दैनिक के वृत्त से सामने आ रही है| मायक्रोसॉफ्ट के प्रेसिडेंट ब्रॅड स्मिथ ने अपनी चेतावनी में, देश के हर एक हिस्से पर नजर रखनेवाले कैमरे, भारी मात्रा की क्षमतावाले कंप्यूटर्स और क्लाउड स्टोरेज के उपयोग का उल्लेख किया था| उसी समय यह होगा ही नहीं, इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया था|

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