चीन और रशिया को शिकस्त देने के लिए – अमरिकी रक्षा विभाग ने की ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की स्वतंत्र नीति घोषित

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘चीन और रशिया जैसे देश लष्करी उद्देश्यों के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजन्स में बडी मात्रा में निवेश कर रहे है| इसमें अंतरराष्ट्रीय नियम एवं मानवाधिकार का हनन करनेवाली कई परियोजना शामिल है| इस वजह से कई गंभीर सवाल खडे हो रहे है’, यह चेतावनी देकर अमरिकी रक्षा विभाग ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र के लिए स्वतंत्र नीति का ऐलान किया है| पिछले वर्ष में अमरिकी रक्षा विभाग ने ‘गुगल’ एवं ‘मायक्रोसॉफ्ट’ जैसी चोटी की कंपनीयों पर ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र की परियोजनाओं की जिम्मेदारी सौंपने की बात स्पष्ट हुई थी|

दो दिन पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में अमरिका का नेतृत्व बना के रखने के लिए स्वतंत्र आदेश जारी किया था| इसमें अमरिका के सभी यंत्रणाओं को ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में निवेश, संशोधन और विकास के लिए प्राथमिकता देने की सूचना की गई थी| उसके बाद सिर्फ २४ घंटों के भीतर अमरिकी रक्षा विभाग ने स्वतंत्र नीति का ऐलान करके अमरिका ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र में आगे रहने के लिए तैयार होने के स्पष्ट संकेत दिए है|

अमरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ ने ‘हार्नेसिंग एआई टू एडवान्स अवर सिक्युरिटी ऍण्ड प्रॉस्परिटी’ नाम से १७ पन्नों की नीति प्रसिद्ध की है| पेंटॅगॉन के प्रमुख माहिती अधिकारी डॅना डेझी इन्होंने वार्तापरिषद में इसकी जानकारी दी| ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स केवल अमरिका की समृद्धि में इजाफा नही करेगी बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा भी पुख्ता होगी| विश्‍व में बनाया सामरिक क्षेत्र का उच्चतम् स्थान बरकरार रखने के लिए और साथ ही भविष्य में उभरनेवाली युद्धभूमि पर वर्चस्व कायम रखने के लिए अमरिका को आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का इस्तेमाल करना होगा’, इन शब्दों में डेझी इन्होंने इस स्वतंत्र नीति का महत्व रेखांकित किया|

अमरिकी रक्षा विभाग गोपनीय जानकारी प्राप्त करने से लडाकू विमान और युद्धपोतों पर नजर रखने तक सभी विभागों में आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का इस्तेमाल करेगी, ऐसे संकेत इस १७ पन्नों के नीति में दिए गए है| अमरिकी सैनिकों की सुरक्षा और मुहिमों की गति बढाने के मुद्दे का भी इस नीति में जिक्र है| आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का लष्करी इस्तेमाल करने के संंबंधी विवादास्पद मुद्दे के तौर पर पहचाने जा रहे ‘किलर रोबोटस्’ के विषय पर इस नीति में सीधे तौर पर जिक्र नही है, फिर भी २०१२ में तैयार किए एक आदेश का जिक्र इसमें किया गया है| इसमें रक्षा यंत्रणाओं पर मानवी नियंत्रण अहम होने का जिक्र किया गया है|

पिछले वर्ष, अमरिकी रक्षा विभाग ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ यानी ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ क्षेत्र में तकनीक की नीव रखने का दावा करके इस क्षेत्र में ‘थर्ड वेव्ह’ शुरू करने के लिए दो अरब डॉलर्स का निवेश करने का ऐलान किया था|

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