चीन और अन्य देशों को ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स सॉफ्टवेअर’ का निर्यात करने पर अमरिका ने लगाए नए प्रतिबंध

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वॉशिंग्टन – चीन समेत अन्य देशों को ‘जिओस्पेशिअल इमेजरी’ से संबंधित ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स सॉफ्टवेअर’ निर्यात करने पर अमरिका ने नए प्रतिबंध लगाए है| इसके अनुसार यह खास सॉफ्टवेअर निर्यात करनेवाली कंपनियों को इसके आगे अमरिकी सरकार से परवाना प्राप्त करना आवश्यक रहेगा| चीन जैसे  देश अमरिकी कंपनियों की प्रगत और संवेदनशील तकनीक का प्रयोग ना कर सके, इस उद्देश्य से यह प्रतिबंध लगाए जाने की बात समझी जा रही है|

वर्ष २०१८ में चीन ने स्वीडन की कंपनी से युद्धक्षेत्र के सैनिक, टैंक, लडाकू विमान और युद्धपोतों की गतिविधियां बडी सटिकता से पकडनेवाले ‘जिओस्पेशल सॉफ्टवेअर’ की खरीद की थी| रक्षा क्षेत्र में सबसे आधुनिक समझे जानेवाले इस ‘सॉफ्टवेअर’ की वजह से चीन की सेना को ‘रिअल टाईम डेटा’ एवं लडाकू विमान, युद्धपोतों की गतिविधियों पर नजर रखकर उनकी गति की जानकारी भी प्राप्त करना संभव हुआ था, यह बात सामने आयी थी| यह खरीद अमरिका के साथ ही नाटो को भी झटका देनेवाली साबित हुई थी|

चीन ने स्वीडन की कंपनी से सॉफ्टवेअर खरीद करने से पहले यूरोप और अमरिका में इसी तरह की प्रगत तकनीक विकसित कर रही कंपनियों पर सायबर हमलें होने की मात्रा में बढोतरी होने की घटना भी सामने आयी थी| चीन की सेना का समर्थन प्राप्त करनेवाले गुट अमरिकी एवं यूरोपिय कंपनियों से जानकारी एवं कोड प्राप्त करने की कोशिश में होने की बात भी स्पष्ट हुई थी|

साथ ही चीन की गुप्तचर यंत्रणा और सेना का सहयोग प्राप्त करनेवाली शिक्षासंस्थाओं से अमरिका में काफी मात्रा में वैज्ञानिक एवं छात्रों को भेजकर उनके जरिए तनकीक की नकल करने की घटना सामने आने के दावे भी किए गए थे| इसी पृष्ठभूमि पर अमरिका ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’, ‘रोबोटिक्स’ समेत अन्य प्रगत तकनीक का चीन गलत लाभ ना उठाए, इस लिए तेजी से कदम उठाना शुरू किया था|

वर्ष २०१८ में अमरिकी संसद ने एक कानून पारित करके देश के वाणिज्य विभाग को संवेदनशील तकनीक चीन जैसे शत्रु के हाथ ना लगें, इसका ध्यान रखने के लिए विशेष अधिकार प्रदान किए थे| इसमें आर्थिक और सुरक्षा के कारणों से ऐसी तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार भी प्रदान किए गए थे| ‘जिओस्पेशिअल इमेजरी’ से संबंधित ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स सॉफ्टवेअर’ की निर्यात के लिए परवाना प्राप्ती का नियम जारी करने का प्रावधानी उन्हीं कोशिशों का हिस्सा है|

‘जिओस्पेशिअल इमेजरी’ से संबंधित ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स सॉफ्टवेअर’ में सैटेलाईट से प्राप्त होनेवाले फोटो, वीडियो एवं राडार, सेन्सर और ड्रोन्स से प्राप्त होने वाली जानकारी का भंडार किया जाता है| यह जानकारी लगातार अपडेट होती रहती है| किसी जगह का सुस्पष्ट चित्र दिखानेवाले यह सॉफ्टवेअर कुछ सेकंदों में कई बातों का आकलन करने की क्षमता रखते है| इनमें से आर्टिफिशल इंटेलिजन्स तकनीक का इस्तेमाल सॉफ्टवेअर की कार्यक्षमता अधिक प्रभावी करनेवाला समझा जा रहा है|

चीन के नियमों के अनुसार विदेशी कंपनीने चीन को सॉफ्टवेअर प्रदान करते समय संबंधित सॉफ्टवेअर के बारीक से भी बारीक कोड प्रदान करना जरूरी होता है| अपने देश की सुरक्षा के लिए चीन से व्यवहार करते समय हर एक कंपनी इस नियम का पालन करे, यह पहली शर्थ चीन रखता है| इस वजह से ऐसे प्रगत सॉफ्टवेअर चीन जैसे देशों में आसानी से निर्यात होने पर अमरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की संभावना ध्यान में रखकर अमरिका ने इन सॉफ्टवेअर का निर्यात करने के लिए नए नियम तय किए है, यही समझा जा रहा है|

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