तकनीकी क्षेत्र की क्रांती तिसरे विश्‍व युद्ध का कारण होगी – चीन के उद्यमी जैक मा इनका इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/ डॅव्होस – ‘तकनीकी क्षेत्र की क्रांति जागतिक संघर्ष के पीछे प्रमुख घटक होती हैं’ यह इतिहास ने दिखाया है| पहला विश्‍व युद्ध तंत्रज्ञान की पहली क्रांति के कारण हुआ था| दूसरी तंत्रज्ञान क्रांति से दूसरा महायुद्ध भड़क उठा था| वर्तमान में तंत्रज्ञान की तीसरी क्रांति शुरू है और उससे कभी भी तीसरा महायुद्ध भड़क सकता हैं, ऐसी चेतावनी प्रख्यात चीनी उद्यमी जैक मा ने दी हैं| इससे पहले विश्व के प्रमुख उद्यमी ‘एलॉन मस्क’ ने भी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता अर्थात ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ क्षेत्र में प्रभुत्व की प्रतियोगिता तीसरे महायुद्ध के लिए जिम्मेदार साबित होगी, ऐसा सूचित किया था|

पिछले कुछ वर्षों में विश्व भर में ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ के मुद्दे पर जोरदार चर्चा शुरू होते हुए शोधकर्ता, वैज्ञानिक, व्यवसायी तथा विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस मुद्दे पर खुली चेतावनी देना शुरू कर दिया हैं| एक और तंत्रज्ञान के कारण विश्व में करोड़ो लोग रोजगार के अवसर से वंचित हो जाने की चिंता व्यक्त की गई हैं| उसी समय दूसरी ओर विश्व के प्रमुख देश इस तकनीकी क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश करके उसमें प्रभुत्व प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं|

वर्ष २०१७ में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ क्षेत्र में नेतृत्व करनेवाले पूरे विश्व पर राज्य करेंगे, ऐसा सूचित किया था| चीन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र में सुपर पावर होने के लिए महत्वाकांक्षी अभियान घोषित करके, उसमें ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक निवेश करने की तैयारी की हैं| अमरिका, ब्रिटेन, जापान जैसे देश इस क्षेत्र में अग्रसर होते माने जा रहे है| डॅव्होस में तीसरे महायुद्ध की चेतावनी देनेवाले उद्यमी जॅक मा ने भी ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ के साथ भविष्यवेधी तकनीदी क्षेत्र में लगभग १५ अरब डॉलर्स के निवेश का निर्णय लिया था|

इस पृष्ठभूमि पर जॅक मा से तकनीकी क्षेत्र की तीसरी क्रांति तथा महायुद्ध की चेतावनी का दोहराया जाना ध्यान आकर्षित करने वाला साबित होता हैं| जॅक मा के व्यतिरिक्त अमरिकी उद्यमी ‘एलॉन मस्क’ ने भी ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ के उपयोग से महायुद्ध भड़क सकता हैं, ऐसी चिंता व्यक्त की थीं| दो वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया में हुई एक परिषद में भी इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्रसंघ को संबोधित करते हुए लिखे पत्र में ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ और युद्ध का संबंध जोड़ा गया था|

कृत्रिम बुद्धिमत्ता मतलब ‘आर्टिफिंशल इंटेलिजेंस’ तथा रोबोटिक्स के सहयोग से विकसित किए ‘किलर रोबोटस्’ यह युद्ध क्षेत्र की तीसरे क्रांति के संकेत है और यदि उन्होंने युद्ध शुरू किया तो मानवीय समाज उनका सामना नहीं कर पाएगा, ऐसी गंभीर चेतावनी वर्णित पत्र में दी गई थीं|

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