इस्रायल ने अनदेखी की तो खाडी क्षेत्र पर चीन हुकूमत करेगा – इस्रायली समाचार पत्र का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरजेरूसलम – ‘अरब-खाडी देशों में चीन का निवेश तेजीसे बढ रहा है| चीन के इस निवेश की ओर इस्रायल की अनदेखी हो रही है| समय पर इस्रायल ने इस निवेश पर ध्यान नही दिया तो खाडी क्षेत्र पर चीन की हुकूमत स्थापित होती देखने के लिए चीन को तैयार रहना होगा’, इन कडे शब्दों में इस्रायल के प्रमुख समाचार पत्र ने इशारा दिया है| सीरिया, सौदी अरब, ईरान में चीन की बढती गतिविधियों का दाखिला देकर इस समाचार पत्र ने वर्णित इशारा दिया है| कुछ दिन पहले अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इस्रायल में चीन से हो रहे निवेश के बारे में चिंता जताई थी|

वर्ष २०१५ में इस्रायल ने भूमध्य सागर को जोडनेवाले ‘हैफा’ इस काफी अहम बंदरगाह का कुछ हिस्सा भाडेपर लेने के लिए चीन ने समझौता किया है| चीन को इस बंदरगाह में जगह देने पर इस्रायल के परिवहन और वित्तमंत्रालय को कडी आलोचना का सामना करना पडा था| करोडों डॉलर्स के बदले में चीन को इस बंदरगाह का इस्तेमाल करने की सहुलियत देने की बात इस्रायल के परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट की थी| लेकिन, पिछले कुछ महीनों से ‘हैफा’ बंदरगाह में चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ की गतिविधिया बढने का दावा हो रहा है| चीन की विध्वंसक भी हैफा की यात्रा पर थी| इस्रायली प्रधानमंत्री की अमरिका यात्रा के दौरान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इन गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की थी|

‘हैफा’ बंदरगाह में चीन की मौजुदगी अमरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती होने का दावा अमरिका कर रही है| इस वजह से भूमध्य सागर में अमरिकी नौसेना और कार्गो जहाजों की सुरक्षा के लिए खतरा बना है, यह बात अमरिका ने आगे रखी थी| इसपर ध्यान देकर चीन के साथ किए समझौते में बदलाव करने की कोशिश इस्रायल ने शुरू की है| लेकिन, खाडी क्षेत्र में शुरू चीन की गतिविधियां भी उतनी ही खतरनाक होने का इशारा इस्रायली समाचार पत्र ने दिया है| इसके लिए इस पत्र ने सीरिया में चीन ने किए निवेश का भी दाखिला दिया है|

वर्ष २०११ से गृहयुद्ध में फंसे सीरिया का अबतक २५० अरब डॉलर्स का नुकसान हुआ है| इस संघर्ष में सीरिया में बुनियादी सुविधाओं का भी बडा नुकसान हुआ है| अबतक इस देश की ३३ प्रतिशत जनता विस्थापित हुई है, यह दावा हो रहा है| सीरिया में सेना उतारकर अस्साद हुकूमत के लिए संघर्ष कर रही रशिया ने सीरिया को अर्थसहायता नही दे सकते, यह स्पष्ट किया है| वही, अमरिका ने लगाए कडे प्रतिबंधों की वजह से ईरान आर्थिक समस्या से घिरा है| इस वजह से सीरिया के सामने भी आर्थिक समस्या खडी हुई है| ऐसी स्थिति में चीन सीरिया में बडा निवेश करने के लिए तैयार है, इस ओर संबंधी समाचार पत्र ने ध्यान आकर्षित किया है|

चीन को सीधे यूरोप से जोडनेवाली अपनी ९०० अरब डॉलर्स लागत की महत्वाकांक्षी ‘न्यू सिल्क रोड’ परियोजना के लिए चीन सीरिया में निवेश कर सकता है| इस ‘न्यू सिल्क रोड’ की सहायता से चीन जागतिक स्तर पर अपना वर्चस्व स्थापित करके अमरिका और रशिया को चुनौती देने की तेयारी में होने का दावा इस इस्रायली समाचार पत्र ने किया है|

लेकिन, सीरिया के इस निवेश के साथ चीन का लष्करी प्रभाव भी खाडी मं बढेगा, इसका एहसास इस वृत्तपत्र ने दिलाया है| इसके लिए चीन ने अफ्रीकी देशों में किया आर्थिक निवेष और आगे चीन ने इन देशों में बनाई लष्करी पकड का दाखिला भी संबंधी इस्रायली दैनिक ने दिया है| इस वजह से चीन ने सीरिया जैसे इस्रायल के पडोसी देश पर अपनी पकड बनाई तो इस्रायल की सुरक्षा के लिए सीरिया से नही बल्कि चीन से चुनौती प्राप्त होगी, यह इशारा वर्णित समाचार पत्र ने दिया है|

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