‘छाबर’ के पहले चरण का व्यवस्थापन भारत के पास सोपा जायेगा : ईरान का प्रस्ताव

तेहरान/नई दिल्ली, दि. २९ : पाकिस्तान ने चीन के पास सौंप दिये ‘ग्वादर’ बंदरगाह को विकल्प (आल्टरनेटिव) साबित होनेवाले ‘छाबर’ इस ईरान के बंदरगाह में भारत का समावेश अधिक ही बढ़ने के संकेत मिले हैं| भारत के लिए सामरिक तौर पर महत्त्वपूर्ण साबित होनेवाले ‘छाबर’ प्रकल्प के पहले चरण का व्यवस्थापन पूरी तरह भारत सँभालें, ऐसा प्रस्ताव ईरान ने दिया है| इस संदर्भ में, दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर चर्चा शुरू होकर, ईरानी अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को सामने रखा, ऐसा सामने आया है|

‘छाबर’‘छाबर’ के विस्तार के लिए पिछले साल ही भारत ने, ईरान और अफगानिस्तान समेत त्रिपक्षीय समझौता किया था| इसीके साथ, ‘छाबर’ का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पहल भी की गयी थी| ईरान के ‘पोर्टस् ऍन्ड मेरिटाईम ऑर्गनायझेशन’ ने दी जानकारी के अनुसार, ‘छाबर’ के पहले चरण का काम पूरा हो गया है| करीबन ८५ करोड़ डॉलर्स का निवेश होनेवाला यह चरण, मई महीने में होनेवाले राष्ट्राध्यक्षपद के चुनाव के बाद कार्यरत होगा, ऐसे ईरानी प्रबंधकों ने कहा है|

इस पृष्ठभूमि पर, छाबर के पहले चरण का व्यवस्थापन करीबन दो साल के लिए भारत को सौंपने का प्रस्ताव दिया गया है| इसके बाद १० साल के लिए नये सिरे से समझौता करने की तैयारी ईरान के प्रस्ताव में ज़ाहिर की गयी है| अगले महीने में ‘छाबर’ प्रकल्प के बारे में ईरान-भारत-अफगानिस्तान त्रिपक्षीय बैठक होनेवाली है, जिसमें उपरोक्त प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिये|

इस दौरान, भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने ईरान दौरे पर जानेवाले होकर, ‘छाबर’ बंदरगाह के ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ के लिए निवेश आकर्षित करने के मुद्दे पर चर्चा होनेवाली है| भारत ने ‘छाबर’ के दूसरे चरण के लिए करीबन २३.५ करोड डॉलर्स का निवेश करने की तैयारी दिखायी है| इसके लिए भारत सरकार द्वारा, ‘स्पेशल पर्पज व्हेईकल’ की भी स्थापना की गयी है| ‘छाबर’ के विकास के कारण भारत सागरी मार्ग से अफगानिस्तान और मध्य आशियाई देशों से सीधे संपर्क प्रस्थापित कर सकेगा|

पाकिस्तान ने अपने ग्वादर बंदरगाह का कब्जा चीन को सौंपने के बाद, भारत के लिए ‘छाबर’ प्रकल्प बहुत महत्त्वपूर्ण साबित हुआ है| ‘छाबर’ के द्वारा भारत चीन को मात देने की कोशिश कर रहा है, ऐसा दावा चीन तथा पाकिस्तान के विशेषज्ञों ने किया है|

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