चीन का युआन झिंबाब्वे का प्रमुख चलन

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झिंबाब्वे की सरकार ने चीन का प्रमुख चलन रहनेवाले युआन का, अपने देश के प्रमुख चलन के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया है। झिंबाब्वे के अर्थमंत्री पॅट्रिक चिनामासा ने यह घोषणा की। चीन के अलावा युआन का प्रमुख चलन के रूप में स्वीकार करनेवाला झिंबाब्वे यह पहला देश बना है। झिंबाब्वे का यह निर्णय आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर के अमरिकी डॉलर के वर्चस्व को झटका देनेवाला साबित होने के साथ साथ,  जागतिक अर्थव्यवस्था में चीन के बढ़ते प्रभाव को स्पष्ट रूप में दर्शानेवाला होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

‘झिंबाब्वे और चीन के बीच के व्यापार के लिए तथा झिंबाब्वे के अन्य व्यापारी साज़ेदार देशों के लिए युआन यही प्रमुख चलन रहेगा। देश के अन्तर्गत व्यवहारों के लिए भी युआन के इस्तेमाल को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है’, इन शब्दों में अर्थमंत्री पॅट्रिक चिनासामा ने इस नये निर्णय की जानकारी दी। उसी समय, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि चीन के द्वारा इससे पहले झिंबाब्वे को दिये गए कर्ज़ को माफ़ कर दिया गया है। यह रक़म लगभग चार करोड़ डॉलर्स है, ऐसा कहा जाता है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष झी जिनपिंग ने इस महीने के आरम्भ में झिंबाब्वे का दौरा किया था। चीन के राष्ट्राध्यक्ष के द्वारा झिंबाब्वे का दौरा किया जाने की गत दो दशकों में यह पहली ही घटना थी। इस दौरे में, चीन एवं झिंबाब्वे के बीच तक़रीबन १० आर्थिक तथा व्यापारी समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे। चीन यह झिंबाब्वे का दूसरे क्रमांक का व्यापारी साज़ेदार है और इन नये समझौतों के बाद यह स्थान और भी मज़बूत होने की संभावना बतायी जा रही है।

झिंबाब्वे एवं चीन के बीच हुए समझौतों में मुख्य रूप से, झिंबाब्वे के विभिन्न प्रकल्पों में चीन के द्वारा किया जानेवाला निवेश तथा अर्थसहायता का समावेश है। झिंबाब्वे द्वारा युआन का ‘प्रमुख चलन’ के रूप में स्वीकार किया जाने का निर्णय यह चीन के राष्ट्राध्यक्ष के दौरे का ही असर होने की बात कही जा रही है।

पिछले दशक में झिंबाब्वे की अर्थव्यवस्था चलनवृद्धि तथा बेरोज़गारी के कारण संकट में फँस गयी थी। उस समय सन २००९ में झिंबाब्वे के द्वारा स्वयं का राष्ट्रीय चलन रद्द करके अमरिकी डॉलर का चलन के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया गया था। डॉलर के साथ ही दक्षिणी अफ़्रीका का ‘रँड’, ब्रिटन का चलन रहनेवाला ‘पौंड’ इनका भी इस्तेमाल शुरू हुआ था।

उसके बाद गत कुछ वर्षों में झिंबाब्वे की अर्थव्यवस्था सुधरने के मार्ग पर है और अफ़्रीका की सबसे अधिक तेज़ी से बढ़नेवाली अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आ रही है। पिछले वर्ष ही झिंबाब्वे की मध्यवर्ती बँक ने, देशान्तर्गत इस्तेमाल की जा रहीं ‘रिज़र्व्ड करन्सियों’ में चीन के युआन का समावेश किया था। उसके बाद युआन का चलन के तौर पर इस्तेमाल करने के प्रयास झिंबाब्वे के द्वारा लगातार बढ़ाये जा रहे हैं और नया निर्णय यह उन्हीं प्रयासों का भाग दिखायी दे रहा है।

कुछ ही दिन पूर्व, इंटरनॅशनल मॉनेटरी फ़ंड ने, चीन के युआन चलन का आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘रिज़र्व्ड करन्सी’ के रूप में स्वीकार करने का निर्णय ज़ाहिर किया था। उसी दौरान यह बात सामने आयी थी कि आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाले व्यवहारों में इस्तेमाल किये जानेवाले पाँच अग्रसर चलनों में युआन एक है। चीन के द्वारा, युआन के चलन के इस्तेमाल के लिए विभिन्न देशों के साथ किये जा रहे समझौते, साथ ही प्रस्थापित व्यवस्था को चुनौति देनेवालीं अर्थसंस्थाओं की स्थापना इन सब कदमों के द्वारा चीन अपने आर्थिक प्रभाव को बढ़ा रहा है, यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

झिंबाब्वे के निर्णय से, चीन का आर्थिक वर्चस्व स्पष्ट हुआ है और नज़दिकी भविष्य में अन्य देश भी झिंबाब्वे का अनुकरण करने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, ऐसा विशेषज्ञों का दावा है।

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