अमरिका की तरफ से इजराइल को ३८ अरब डॉलर्स की लष्करी सहायता

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन/जेरुसलेम – अमरिका की तरफ से इजराइल को दी जाने वाली लष्करी सहायता ट्रम्प प्रशासन ने फिरसे शुरू करने का निर्णय लिया है।दोनों देशों बीच हुए लष्करी अनुबंध के अनुसार अमरिका की तरफ से इजराइल को ३८ अरब डॉलर्स की लष्करी सहायता मिलने वाली है और इजराइल को दी जाने वाली वार्षिक लष्करी सहायता में बढ़ोत्तरी करने की घोषणा ट्रम्प प्रशासन ने की है।इजराइल के प्रधान्मन्य्त्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अमरिका के निर्णय का स्वागत किया है।

अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में अमरिका और इजराइल के बीच लष्करी सहकार्य अनुबंध संपन्न हुआ था।लेकिन ईरान के साथ अमरिका ने किए परमाणु अनुबंध की तीव्र आलोचना करने वाले और पैलेस्टाइन के साथ शांतिचर्चा से पीछे हटने वाले इजराइल की इस लष्करी सहायता में कटौती करने की माँग दो सालों पहले हुई थी।उस वजह से अमरिका और इजराइल के बीच तनाव भी निर्माण हुआ था।लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इजराइल के साथ अनुबंध में किसी भी तरह के बदलाव न करने की घोषणा की थी।

उसके अनुसार दो साल पुराने लष्करी सहायता को लागू करने का कम शुरू हुआ है।इजराइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने अमरिका के इस निर्णय का स्वागत किया है।इस अनुबंध के अनुसार अमरिका इजराइल को ३८ अरब डॉलर्स की लष्करी सहायता देने वाला है।इस वजह से इजराइल को सन २०२८ तक अमरिका से यह लष्करी सहायता मिलती रहेगी।

हर साल इजराइल के लष्कर के लिए ३.३ अरब डॉलर्स की सहायता और इजराइल की मिसाइल भेदी यंत्रणाओं के खर्चे के लिए ५० करोड़ की सहायता का इसमें समावेश है। इसके अलावा वार्षिक लष्करी सहायता में भी बढ़ोत्तरी की गई है।आने वाले समय में इजराइल की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ तो इस लष्करी सहायता में तुरंत बढ़ोत्तरी करने का विशेष प्रावधान भी किया गया है।

इस लष्करी सहायता के साथ साथ अमरिका के विदेश मंत्रालय ने एक निवेदन प्रसिद्ध किया है। इसमें ‘इजराइल के स्वरक्षण के अधिकार की गारंटी अमरिका दे रहा है और यह लष्करी सहायता उसीका ही एक हिस्सा है’, ऐसा कहा है। उसीके साथ ही ईरान से अमरिका और इजराइल के लिए बढ़ रहे खतरे का एहसास भी अमरिका भी अमरिका ने कराके दिया है।

‘इजराइल अमरिका का महत्वपूर्ण सहकारी देश है।इजराइल की सुरक्षा को खाड़ी की अस्थिरता से खतरा निर्माण हुआ है।ईरान और ईरान समर्थक आतंकवादी संगठन इजराइल और अमरिका के खतरनाक साबित हो रहे हैं’, ऐसा कहकर अमरिका इजराइल की सुरक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा, ऐसा आश्वासन भी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने दिया है।

रशिया ने सीरिया में तैनात किए ‘एस-३००’ पर भी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने निशाना साधा है।‘अस्थिरता बढाने वाली मिसाइल यंत्रणा इस क्षेत्र में तैनात करने की वजह से यह इजराइल की सुरक्षा की गई है।इस यंत्रणा की तैनाती की वजह से इस क्षेत्र में चल रहा संघर्ष तीव्र होने की संभावना बढ़ी है’, ऐसी चेतावनी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने दी है।

ट्रम्प प्रशासन ने इजराइल के बारे में लिए इस निर्णय का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका बहुत बड़ा दबाव इजराइल के विनाश की घोषणा करने वाले ईरान पर और इजराइल को सीरिया पर हमले के बारे में धमकाने वाले रशिया पर भी आ सकता है।

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