चीन के नए मिसाइल शत्रु की लष्करी यंत्रणा नाकाम करेंगे – चीन के लष्करी विश्ले्षकों का दावा

बीजिंग – बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा यंत्रणा को चकमा देकर शत्रु की लष्करी और संपर्क की यंत्रणा नष्ट करने की क्षमता की मिसाइलों का चीन ने परीक्षण किया। इन मिसाइलों से अहम ठिकानों को लक्ष्य करके शत्रु की यंत्रणा नाकाम करना मुमकिन होगा, यह दावा चीनी सेना ने किया। इसी बीच चीनी विश्‍लेषकों ने कहा कि, वर्णित मिसाइल अमरीका, जापान या ताइवान के लिए चेतावनी है।

china-new-missilesचीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स’ ने दो दिन पहले वायव्य क्षेत्र में मध्यम दूरी के दो मिसाइलों का परीक्षण किया। शीघ्र रिस्पान्स देने के अभ्यास के तहत किया गया यह परीक्षण कामयाब होने का बयान चीनी सेना ने किया है। इन मिसाइलों के नाम या अन्य जानकारी चीन ने सार्वजनिक नहीं की है। लेकिन, इन मिसाइलों की वजह से शत्रु द्वारा ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक’ हस्तक्षेप होने पर इसे परास्त करके शत्रु के अहम ठिकानों को तबाह करना आसान होगा, यह दावा चीन के सरकारी समाचार चैनल ने किया है।

बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा यंत्रणा को चकमा देकर सैंकड़ों किलोमीटर दूरी पर स्थित शत्रु के ठिकाने नष्ट करने में यह मिसाइल सफल हुए। शत्रु की लष्करी और संपर्क यंत्रणा भी इन मिसाइलों ने नाकाम की, यह जानकारी चीनी चैनल ने साझा की है। साथ ही चीनी सेना से जुड़े विश्‍लेषकों ने इन मिसाइल परीक्षण की बयान की हुई अहमियत और अमरीका, तैवान को दिए गए इशारे को चीन के इस समाचार चैनल ने प्रसिद्धी दी है।

चीनी सेना ने बीते हफ्ते ताइवान के समुद्री क्षेत्र के करीब हवाई और समुद्री युद्धाभ्यास किया था। ‘ताइवान इंडिपेन्डन्स फोर्से’ की उकसानेवाली हरकतों के जवाब में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था। इसके अगले चरण के तौर पर इन दोनों मिसाइलों के परीक्षण को देखा जाता है, यह इशारा वू शाओमिन ने दिया है।

‘ताइवान से साउथ चायना सी’ जैसे चीन के अंदरुनि मसलों में अमरीका ने हस्तक्षेप किया तो चीन की सेना जोरदार प्रत्युत्तर देने के लिए पूर्णरूप से तैयार है, यही दर्शाने के लिए इस युद्धाभ्यास का प्रयोजन था। इस वजह से केवल शत्रु की लष्करी और संपर्क यंत्रणा नष्ट नहीं होगी, बल्कि भविष्य में चीन ही युद्ध जीतेगा, यही इस परीक्षण से साबित हुआ है’, ऐसा इशारा चीनी सेना से संबंधित एक अधिकारी ने दिया।

यह मिसाइल एक ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक’ हथियार होने का दावा भी इस अफसर ने अपना नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर किया। चीन के विश्‍लेषकों ने सीधा ज़िक्र भले ही नहीं किया हो, फिर भी ताइवान की सुरक्षा के लिए इशिगाकी द्विप के करीब मिसाइल तैनात कर रहे जापान के लिए भी यह इशारा होने का दावा चीनी माध्यम कर रहे हैं। इशिगाकी के अलावा ताइवान से मात्र ११० किलोमीटर्स की दूरी पर स्थित योनागुनी द्विप पर ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर युनिट’ तैनात करने पर भी जापान विचार कर रहा है। इस वजह से यह मिसाइल परीक्षण करके चीन ने जापान को धमकाने की कोशिश करने की कड़ी संभावना सामने आ रही है।

इसी बीच, चीन ने मिसाइलों से सज्जित सायलोज्‌ यानी खंदक तैयार किए होने की जानकारी कुछ हफ्ते पहले सामने आयी थी। इसका दाखिला देकर अमरीका के लष्करी विश्‍लेषकों ने चीन युद्ध की तैयारी में जुटा होने का आरोप लगाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.