दक्षिण कोरियन जनता के लिए चीन सबसे अधिक अलोकप्रिय देश

सेऊल/बीजिंग – लष्करी और आर्थिक ताकत के जोर पर छोटे एवं पड़ोसी देशों को धमका रहे चीन की प्रतिमा प्रतिदिन अधिक बिगड़ती जा रही है। पड़ोसी दक्षिण कोरिया में हाल ही में एक सर्वे किया गया इस दौरान ५८ प्रतिशत नागरिकों ने चीन अलोकप्रिय देश होने का बयान किया है। कुछ लोगों ने तो चीनी हुकूमत लगभग शैतान की तरह होने का बयान करने का दावा भी इस सर्वेक्षण में किया गया है। बीते महीने अमरीका के ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ ने प्रसिद्ध की रपट में भी विश्‍व के १७ प्रमुख देशों में चीन की प्रतिमा नकारात्मक होने की बात सामने आयी थी।

south-korea-people-chinaदक्षिण कोरिया में अगले वर्ष राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव होंगे। इन चुनावों में कोरोना, उत्तर कोरिया, घरों की कीमतें एवं और एक मुद्दा अहम साबित होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। यह मुद्दा चीन का है और राष्ट्राध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों ने इस मुद्दे पर किए बयान भी ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित हुए हैं। इसी पृष्ठभूमि पर दक्षिण कोरिया में सर्वेक्षण करनेवाली नामांकित ‘हैन्कूक रिसर्च’ कंपनी और ‘सिसाइन’ नामक पत्रिका ने संयुक्त सर्वेक्षण करके जनता का विचार जाना है।

इस रपट में दक्षिण कोरिया के ५८ प्रतिशत नागरिकों ने चीन को सबसे बड़ा अलोकप्रिय देश बताया है। चीन की हुकूमत का ज़िक्र भी ‘क्लोज टू इविल’ ही किया गया है। इसमें युवा वर्ग का सबसे अधिक समावेश होने का बयान ‘हैन्कूक रिसर्च’ ने किया। ‘अब तक जापान का द्वेष करना ही दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पहचान थी। अपने सर्वेक्षण में ४० वर्ष और इससे अधिक उम्र के कई नागरिकों ने कहा कि, वे अब भी जापान का ही द्वेष करते हैं। लेकिन, २० से ३० वर्ष का युवा वर्ग चीन से ही सबसे अधिक द्वेष करने की बात सामने आयी है’, इस ओर हैन्कूक रिसर्च के विश्‍लेषक जिआँग हैन-वूल ने ध्यान आकर्षित किया।

south-korea-people-china-1‘चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की विदेश नीति और तानाशाही हुकूमत मुक्त समाज के लिए खतरा होने का विचार कोरियन युवा पीढ़ी रखती है। कोरोना को नियंत्रित करना, साउथ चायना सी में जारी विस्तारवादी हरकतें और चीन से फैल रहा प्रचंड़ प्रदूषण भी कोरियन युवकों को नाराज़ करनेवाले घटक है’, यह दावा ‘हैन्कूक रिसर्च’ के विश्‍लेषकों ने किया है। अमरीका और चीन की तुलना करते समय कोरियन नागरिकों ने अमरीका को ‘सिक्स इज टू वन’ का परिमाण देने की बात सर्वे में कही गई है।

बीते कुछ वर्षों से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और कम्युनिस्ट हुकूमत प्रसारमाध्यमों के साथ अलग अलग रास्तों से चीन जागतिक महासत्ता होने की छवि बनाने की कोशिश कर रही है। प्रेमल और विनम्र देश के तौर पर चीन की छवि तैयार करने का संदेश भी चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हाल ही में दिया था। लेकिन, असल में चीन की अंतरराष्ट्रीय छबि अधिक बिगड़ रही है, यही बात अलग अलग सर्वेक्षणों से सामने आने लगी है। कोरोना की महामारी, हाँगकाँग, उइगरवंशियों पर अत्याचार और साउथ चायना सी जैसे मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तीव्र नाराज़गी की भावना है और दक्षिण कोरियन जनता की प्रतिक्रिया इसकी पुष्टी करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.