हरएक अमरिकी नागरिक का ‘डॉसिअर’ बना सके इतना अमरिकी ‘डाटा’ चीन ने सायबर हमले के माध्यम से चुराया है

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उपसलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर का आरोप

us-data-china-theft-1वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने सायबर हमलों के माध्यम से अमरीका की काफी जानकारी चुराई है। इस जानकारी से चीन की हुकूमत हरएक अमरिकी नागरिक का स्वतंत्र ‘डॉसिअर’ तैयार कर सकेगी, ऐसा आरोप अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने लगाया है। पॉटिंगर ने ट्रम्प प्रशासन की ‘चायना पॉलिसी’ तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस वजह से उनका बयान ध्यान आकर्षित करता है।

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने हाल ही में अमरिकी संसद में बयान दिया। इस दौरान उन्होंने चीन की हुकूमत सायबर हमलों का कैसे इस्तेमाल कर रही है, इस ओर ध्यान आकर्षित किया। ‘लोगों की जानकारी प्राप्त करके उनके डॉसिअर बनाना वामपंथी लेनिनवादी हुकूमतों की खासियत है। लेकिन, ‘५ जी’ तकनीक जैसे डिजिटल नेटवर्क्स का इस्तेमाल करके चीन ने यह बात अधिक गंभीर स्तर पर पहुँचाई है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने विश्‍वभर के करोड़ों विदेशी नागरिकों के ‘डॉसिअर’ बनाए हैं। इसका इस्तेमाल प्रभाव बनाने के लिए, लक्ष्य करने के लिए, दबाव ड़ालने के लिए, ब्लैकमेल करने के लिए, अपमानित करने के लिए और भेद निर्माण करने के लिए एवं जीत हासिल करने के लिए किया जाता है’, यह आरोप पॉटिंगर ने लगाया।

us-data-china-theft-2‘चीन की हुकूमत ने अमरीका के हरएक नागरिक का डॉसिअर बनाया जा सके इतनी प्रचंड़ और संवेदशील वर्ग की जानकारी प्राप्त की है। चीनी हुकूमत ने अमरीका के छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ा है। कम्युनिस्ट हुकूमत की राजनीतिक जंग की नीति में इस बात को सही साबित किया गया है’, यह इशारा अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार ने दिया है। पॉटिंगर के इस बयान के बाद चीनी प्रसारमाध्यमों ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने पॉटिंगर का यह बयान यानी शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता का हिस्सा होने की बात कही है। साथ ही चीन की हुकूमत पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, असल में वैसा अमरीका ने ही विश्‍व के अन्य देशों के खिलाफ किया है, यह दावा भी किया गया है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कई मुद्दों पर चीन के खिलाफ आक्रामक मुहिम चलाई थी। बायडेन प्रशासन ने इसकी तीव्रता कम की है, फिर भी विपक्ष और अमरिकी जनता के दबाव के कारण कई मुद्दों पर ट्रम्प की आक्रामक चीन विरोधी नीति बरकरार रखने के लिए बायडेन प्रशासन मज़बूर है। सायबर हमलों का मुद्दा इन्हीं में से एक साबित होता है। बायडेन प्रशासन ने बीते महीने ही ‘मायक्रोसॉफ्ट एक्सेंज सर्वर’ पर हुए हमले के पीछे चीन का ही हाथ होने का आरोप लगाया था। इसके बाद चीन की हुकूमत का समर्थन प्राप्त करनेवाले हैकर्स ने अमरिकी र्इंधन पाइपलाइन पर सायबर हमले किए थे, यह दावा भी अमरिकी यंत्रणाओं ने किया था।

ऐसी स्थिति में ट्रम्प प्रशासन में अहम ज़िम्मा संभालनेवाले नेता एवं अधिकारी चीन पर एवं साथ ही बायडेन प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर दबाव बढ़ा रहे हैं। कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने चीन को अमरीका पर सायबर हमले करने की ज़रुरत ना होने का दावा किया था क्योंकि, बायडेन प्रशासन चीन को आवश्‍यक सभी संवेदशील जानकारी थाली में सज़ाकर तोहफे के स्वरूप में चीन के सामने रखेगा, ऐसी तीखी आलोचना भी की थी।

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