ताइवान, हाँगकाँग, तिब्बत और झिंजियांग का मुद्दा उठा रहे ‘जी ७’ पर चीन की तीखी आलोचना

G7-taiwan-hongkong-1बीजिंग – अपने झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के साथ ही ताइवान के खिलाफ जारी आक्रामक हरकतें चीन तुरंत बंद करे, ऐसी मांग विकसित देशों के ‘जी ७’ संगठन ने की थी। इस पर उम्मीद के अनुसार ही चीन का बयान प्राप्त हुआ है। ‘जी ७’ देश अपने बॉम्बर विमान और युद्धपोत अन्य देशों की सीमा के करीब तैनात ना करे और अन्य देशों पर प्रतिबंध भी ना लगाए, ऐसा उल्टा प्रहार चीन ने किया है।

अमरीका, कैनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान जैसे औद्योगिक क्षेत्र के विकसित देशों के ‘जी ७’ गुट ने चीन की वर्चस्ववादी हरकतों पर चिंता जतानेवाला निवेदन रविवार को जारी किया था। इसमें चीन अपने झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशियों पर कर रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया गया था। साथ ही हाँगकाँग और ताइवान संबंधित चीन की नीति पर ‘जी ७’ ने गंभीर सवाल किए। साऊथ और ईस्ट चायना सी के क्षेत्र में चीन की नीति खतरनाक स्तर पर पहुँने की बात भी इस दौरान दर्ज़ की गई है। इस तरह से चीन धमकियां, खतरनाक हरकतें और अन्य देशों को चुनौती देना छोड़ दे, ऐसी माँग ‘जी ७’ ने इस निवेदन से की थी। साथ ही चीन झिंजियांग और तिब्बत में तटस्थ निरीक्षकों को निरीक्षण की अनुमति दे, यह आवाहन भी ‘जी ७’ ने किया था।

G7-taiwan-hongkong-2इस पर उम्मीद के अनुसार चीन की तीखी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने ‘जी ७’ के इस निवेदन का निषेध किया। हाँगकाँग और ताइवान संबंधी अपने देश की नीति स्पष्ट है और इसमें बदलाव नहीं होगा, ऐसा इशारा लिजिआन ने दिया है। इसके अलावा चीन को उपदेश कर रहा ‘जी ७’ अन्य देशों की सीमा के करीब अपने बॉम्बर विमान और युद्धपोत तैनात करना बंद करे, ऐसी फटकार भी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने लगायी। साथ ही अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने की हरकतें ‘जी ७’ रोक दे, ऐसी माँग भी लिजिआन ने की है।

इसी बीच, यूक्रैन युद्ध के दौरान अमरीका और पश्चिमी देशों का पूरा ध्यान इस युद्ध पर लगा है। इसका लाभ उठाकर चीन अब ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक लगातार दे रहे हैं। चीन ने भी ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ की तीव्रता बढ़ाकर इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समूदाय की चिंता बढ़ाई है। इसी की छबि ‘जी ७’ के निवदेन में देखी गयी है और ‘जी ७’ ने चीन की आक्रामक हरकतों पर पूरा ध्यान केंद्रीत किया हुआ दिख रहा है। ताइवान, हाँगकाँग, झिंजियांग और तिब्बत जैसे चीन के लिए काफी संवेदनशील रहे मुद्दे उठाने की वजह से काफी बेचैन हुए चीन ने ‘जी ७’ पर कड़ी आलोचना करके अपना गुस्सा व्यक्त किया है।

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