‘हिंद महासागर क्षेत्र को भारत की विस्तारवादी नीति का ख़तरा’ : पाकिस्तान का नया इल्ज़ाम

इस्लामाबाद, दि. ११ : ‘भारत की विस्तारवादी सागरी नीति से हिंदी महासागर क्षेत्र को काफी बड़ा ख़तरा हो सकता है| भारत इस क्षेत्र का परमाणुकरण कर रहा है’ ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताझ अझिज ने लगाया है| साथ ही, पाकिस्तान का लगभग ९० प्रतिशत व्यापार सागरी क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण, भारत की इस नीति की वजह से पाकिस्तान के हितसंबंधों को खतरा निर्माण हुआ है| इसीलिए पाकिस्तान अपने हितसंबंधों की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा, ऐसी चेतावनी अझिज ने दी है|

हिंद महासागर क्षेत्रफिलहाल पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में सागरी युद्धअभ्यास का आयोजन किया गया है| इस अभ्यास में १६ देश शामील हुए हैं| अमरीका, रशिया, चीन जैसे देश इस युद्धअभ्यास में शामील होकर पाकिस्तान की उम्मीदों को बढ़ा रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है| इस युद्धअभ्यास की पृष्ठभूमि पर आयोजित किए गए एक चर्चासत्र में बात करते समय सरताझ अझिज ने भारत पर निशाना साधा| ‘भारत हिंद महासागर क्षेत्र में विस्तारवादी नीति अपना रहा है| इस क्षेत्र को काफी बड़ा ख़तरा निर्माण हो सकता है’ ऐसी चेतावनी इस समय अझिज ने दी है| साथ ही, भारत ने इस क्षेत्र का परमाणुकरण करने की गैरज़िम्मेदाराना भूमिका अपनाई है, ऐसी आलोचना भी अझिज ने की है|

पाकिस्तान यह हिंद महासागर क्षेत्र का एक बड़ा देश है और पाकिस्तान का तक़रीबन ९० प्रतिशत व्यापार इसी सागरी क्षेत्र से होता है| इसी वजह से, भारत की इस क्षेत्र संबंधी विस्तारवादी नीति की वजह से पाकिस्तान के हितसंबंधो को काफी बड़ा ख़तरा निर्माण हुआ है| लेकिन पाकिस्तान को अपने हितसंबंधों का पुरी तरह एहसास है और इसकी रक्षा के लिए पाकिस्तान ज़रूरी कदम उ़ठाऐगा, ऐसा अझिज ने भारत को सुनाया है| साथ ही, आंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भी इस सागरी क्षेत्र की काफी अहमियत है, ऐसा इस समय अझिज ने कहा|

इसी दौरान, भारत और पाकिस्तान के बीच ‘सर क्रीक’ सागरी सीमाविवाद को उठाकर, ‘इस क्षेत्र की सुरक्षा ख़तरे में है’ ऐसी चिंता पाकिस्तान प्रधानमंत्री के सलाहकार ने जताई है| पाकिस्तान में जारी युद्धाभ्यास का लाभ उठाते हुए भारत पर इल्ज़ाम लगाने की कोशिश अझिज ने की है| फिलहाल पाकिस्तान ने अपना ग्वादर बंदरगाह का कब्जा चीन के पास सौंपा है और यही इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बेहद विघातक बात है, ऐसी चिंता जताई जा रही है| पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में सहायता करनेवाले आखाती क्षेत्र के देश भी इस वजह से बेचैन हुए हैं और इन देशों ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाना शुरू किया है|

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