अमरिकी डॉलर्स की बिक्री शुरू करें – चीन की सेंट्रल बैंक के संबंधित बैंकों को निर्देश

बीजिंग – अमरिकी डॉलर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेचकर पूरे विश्व से चीनी ‘युआन’ की जोरदार खरीदारी शुरू करे। देश के सरकारी और संबंधित बैंकों के अलावा विदेश में मौजूद चीनी बैंक भी इस सूचना का पालन करें, ऐसे निर्देश चीन की सेंट्रल बैंक ने जारी किए हैं। पिछले कुछ हफ्तों से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गोते खा रही अपनी मुद्रा को बचाने के लिए चीन ने यह कदम उठाया, ऐसा दावा किया जा रहा है।

अमरिकी डॉलर्स‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ और गलत आर्थिक नीति के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचा है। इसके कारण राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग के बीच मतभेद होने की खबरें प्राप्त हुईं थीं। ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हुई है और वर्तमान वित्तीय साल में चीन का विकासदर महज २.८ प्रतिशत रहेगा, यह अनुमान वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में जताया था। इससे पहले की रपट में वर्ल्ड बैंक ने दावा किया था कि, चीन का विकास दर पांच प्रतिशत रहेगा।

इसी बीच हाल ही में नामांकित अमरिकी लेखक डॉयल मैक्‌‍मैन्युस ने चीन के सामने खड़ी भीषण’ समस्या पर अचूक बयान किया था। चीन में बेरोजगारी तकरीबन २० प्रतिशत बढ़ी है और यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन की कीमतों में उछाल आने पर चीन की अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियाँ बढ़ी हैं। इसी दौरान चीन के ‘घोस्ट सिटीज्‌‍’ ने इस देश की अर्थव्यवस्था को खतरे में धकेल दिया है, ऐसा मैक्‌‍मैन्यूस ने कहा था। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अमरिकी डॉलर के सामने चीन के ‘युआन’ के मूल्य पर खराब असर पड़ा था।

अमरिकी डॉलर्स

ऐसे में पिछले महीने अमरीका की सेंट्रल बैंक ‘फेडरल रिज़र्व’ ने डॉलर को मज़बूती देने के लिए ब्याजदर ०.७५ प्रतिशत बढ़ाए थे। डॉलर पर आधारित विश्व की अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर दिखने लगा है। पिछले कुछ दिनों से संभलने की कोशिश कर रही चीन की अर्थव्यवस्था की स्थिति अधिक बिगडने का दावा किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत युआन को मज़बूत करने के लिए नए-नए ऐलान करने लगी है। लेकिन, इससे भी युआन की गिरावट थमी नहीं है।

ऐसी स्थिति में चीन की सेंट्रल बैंक ने अपनी टिजोरी और कम्युनिस्ट हुकूमत से संबंधित बैंकों के डॉलर बेचने की सूचना की है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत कितने डॉलर बेचती है, यह अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन, हाँगकाँग, न्यूयॉर्क और लंदन में चीनी बैंकें डॉलर बेचेंगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

इसी बीच आनेवाले दो हफ्तों में चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के चुनाव होंगे। पिछले कुछ दिनों से पार्टी में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह होने की खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए जिनपिंग यह कोशिश करते दिख रहे हैं।

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